मथुरा जेल में 17 जनवरी को हुई गैंगवार में राजेश टोंटा और अक्षय सोलंकी की हत्या कर दी थी। गैंगवार में शामिल गोपाल यादव, बंदी रक्षक कैलाश गुप्ता और लॉरेंस तथा संजू प्रधान केंद्रीय कारागार में निरुद्ध हैं। मंडलायुक्त प्रदीप भटनागर सोमवार को उक्त गैंगवार की जांच के सिलसिले में पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार मंडलायुक्त ने आरोपियों को किस बैरक में रखा गया है, इसकी पूरी जानकारी करने के बाद चारों से अलग-अलग पूछताछ की। गोपाल यादव से करीब पांच मिनट तक पूछताछ हुई, उसने कमिश्नर के सामने राजेश टोंटा को गोली मारना स्वीकार किया।
गोपाल का कहना था कि टोंटा ने उसके साथी ब्रजेश मावी की हत्या कर दी थी। उसी वक्त उसने टोंटा से बदला लेने की कसम खायी थी। मथुरा जेल में 17 जनवरी को हमले में घायल टोंटा को इलाज के लिए आगरा या दिल्ली ले जाना तय था। उसने रास्ते में टोंटा को मारने की साजिश रची, दो गाड़ियों में सवार होकर पीछे लग गए। रिफाइनरी क्षेत्र में घने कोहरे का फायदा उठाते हुए एंबुलेंस घेरने के बाद पहले उसके टायर में गोली मारी, फिर एंबुलेंस के शीशे में। इसके बाद टोंटा को गोली मारकर भाग निकल गए। सूत्रों के अनुसार कमिश्नर ने इसके बाद अन्य तीनों आरोपियों से भी पूछताछ की, वह करीब एक घंटे तक वहां रहे। इस दौरान कुख्यात मुख्तार अंसारी की बैरक को भी देखा।
जेलों मेंशातिरों की निगरानी बढ़ाई
आगरा: पहले मथुरा और उसके बाद एटा जिला जेल में हुई घटनाओं के बाद जेल प्रशासन ने शातिरों की निगरानी कड़ी कर दी है। इसमें उनकी मुलाकात से लेकर परिसर में चहलकदमी पर भी नजर रखी जा रही है। कुख्यातों को अलग सर्किलों में रखने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि उनके मुलाकाती भी एक साथ अंदर प्रवेश नहीं कर सकें।
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