लखनऊलीक्स(25 July 2021)। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में अभी छह माह से ज्यादा का समय शेष है लेकिन सभी प्रमुख दलों ने अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। भाजपा के चुनाव प्रचार का शंखनाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में रैली करके कर चुके हैं।
सभी की निगाह ब्राह्मण वोटों पर
इस बार सभी दलों की निगाह भाजपा से नाराज चल रहे ब्राह्मण वोटों पर है। बहुजन समाज पार्टी अयोध्या में ब्राह्मणों का सम्मेलन कर अपना इरादा जता चुकी है। बसपा सुप्रीमो ने ब्राह्मण वोटरों को पार्टी के समर्थन में एकजुट करने की जिम्मेदारी पार्टी महासचिव सतीश मिश्रा को सौंपी है। अयोध्या में हुए ब्राह्मण सम्मेलन का संयोजन सतीश मिश्रा ने ही किया था।
अखिलेश ने की ब्राह्मण नेताओं के साथ बैठक
बसपा के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी अपनी निगाहें ब्राह्मण वोटरों पर जमा दी हैं। सपा जल्द ही राज्य में ब्राह्मण सम्मेलन करने जा रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं के साथ बैठक् की। इस दौरान उन्होंने पांचों नेताओं को परशुराम की मूर्ति भी भेंट की। ब्राह्मण चेतना मंच से जुड़े सपा के पूर्व विधायक संतोष पांडे ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि ब्राह्मण सम्मेलनों की शुरुआत बलिया से हो सकती है।
13 फीसदी मतदाता प्रदेश में
प्रदेश में कुल मतदाताओं में 13 फीसदी ब्राह्मण हैं। इन पर सभी पार्टियों की निगाह है। तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार का नारा लगाने वाली बसपा अब तिलकधारियों के वोटों को पाने के लिए जय श्रीराम का नारा लगाने को तैयार हो गई है।
आज प्रयागराज में बसपा का सम्मेलन
बसपा सुप्रीमो मायावती के खासमखास सतीश मिश्रा ने 23 जुलाई को अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन ही नहीं किया बल्कि उन्होंने रामलला के दर्शन भी किए और हनुमान गढ़ी में पूजा की। बसपा की सोच है कि 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित अगर एकजुट हो जाएं तो पार्टी चुनाव जीत सकती है। बसपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के नाम से होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन का दूसरा आयोजन सोमवार को प्रयागराज में होगा।