आगरालीक्स…आगरा लोकसभा सीट के वर्ष 1989 के चुनाव में फिर उलट-फेर। जनता दल के अजय सिंह जीते। आगरा को मिला पहला केंद्रीय मंत्री…
जनता दल के अजय सिंह ने निहाल सिंह को दी शिकस्त
आगरा लोकसभा सीट पर 1989 हुए चुनावों में जनता दल के टिकट पर अजय सिंह को जीत मिली, जबकि कांग्रेस से निहाल सिंह चुनाव मैदान में उतरे और उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में अजय सिंह को 200975 मत मिले, जबकि कांग्रेस के निहाल सिंह 124506 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे।
आगरा के सांसद पहली बार रेल उपमंत्री बने
आगरा को इस चुनाव में तोहफे के रूप में यहां से चुने गए सांसद अजय सिंह को केंद्र की वीपी सिंह सरकार में मंत्री बनाए गए। यह पहला मौका था जबकि आगरा के नौ संसदीय चुनाव के बाद आगरा के किसी जनप्रतिनिधि को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
आगरा में अजय सिंह ने चलवाई लश्कर एक्सप्रेस
अजय सिंह को वीपी सिंह सरकार में रेल उपमंत्री बनाया गया। रेल उपमंत्री बनते ही उन्होंने आगरा से मुंबई के लिए लश्कर एक्सप्रेस ट्रेन भी शुरू कराई थी। अछनेरा में रेल कोच निर्माण फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव था लेकिन वीपी सिंह की सरकार गिरने पर अमल में नहीं लाया जा सका।
कई देशों के राजदूत और संपादक भी रहे
आगरा के गांव जैंगरा में जन्मे अजय सिंह कई देशों में भारत के राजदूत रहे। कई प्रमुख अखबारों के संपादक रहे। वह पूर्व पीएम चौ. चरण सिंह के कहने पर राजनीति में आए, उनके पिता आईएएस अधिकारी भगवान सिंह भी फिजी भी वर्षों तक भारत के हाईकमिश्नर रहे थे।
केंद्र की उथल-पुथल का असर आगरा की सीट पर भी
आगरा के लोकसभा चुनाव परिणामों पर पहले से लेकर वर्ष 1989 की केंद्रीय राजनीति का भी खासा असर पड़ता रहा। केंद्र की राजनीति में उथल-पुथल होने का सीधा असर आगरा की लोकसभा सीट पर होता रहा। कांग्रेस आजादी के बाद शीर्ष पर थी तो कांग्रेस के सेठ अचल सिंह जीतते रहे। जनता पार्टी का उदय हुआ तो सन 77 के चुनाव में शंभूनाथ चतुर्वेदी जीते, फिर कांग्रेस और फिर सत्ता परिवर्तन तो अजय सिंह को जीत मिली।
बोफोर्स घोटाले की गूंज पूरे विश्व में छाई
वर्ष 1989 के चुनावों में कथित बोर्फस घोटाले को लेकर विपक्ष सत्ता में आई और यह बोफोर्स मामला काफी लंबे समय तक छाया रहा।
चौ. देवीलाल संसदीय दल के नेता चुने लेकिन उन्होंने पीएम का ताज तुरंत वीपी सिंह को सौंपा
वर्ष 1989 के चुनाव में जब जनता दल गठबंधन सत्ता में आया तो सभी सांसदों की बैठक में सर्वसम्मति से देवीलाल को संसदीय दल का नेता चुना गया। आशचर्यजनक घटना में देवीलाल ने पीएम बनने का मौका क्षणभर में टालते हुए तुरंत नेता पद के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह का नाम का ऐलान कर दिया, जिससे वीपी सिंह को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला।
राजबब्बर राजनीति में आए
आगरा के वर्ष 1989 में ही फिल्म् अभिनेता राजबब्बर ने वीपी सिंह के साथ राजनीति में प्रवेश किया।
अमिताभ बच्चन ने राजनीति से तौबा की
फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कथित बोफोर्स घोटाले में राजीव गांधी का साथ देने के लगे आरोपों के बाद राजनिति से संन्यास ले लिया।