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Agra Metro Project in full speed. 60% work of depot complex completed in one year…#agranews
आगरालीक्स…(3 January 2022 Agra News) आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट फुल स्पीड में. एक साल में डिपो परिसर का 60% काम पूरा, जल्द शुरू होगा मेट्रो ट्रैक बिछाने का काम…
मेट्रो डिपो का 60 प्रतिशत काम पूरा
ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच बन रहे प्रथम कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में बन रहे विश्वस्तरीय मेट्रो डिपो का सिविल निर्माण कार्य 60 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। जल्द ही डिपो परिसर में ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा, इसके लिए पटरियां डिपो परिसर में आना शुरू हो गई हैं। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने आगरा मेट्रो के निर्माण की गति को लगातार कायम रखने के लिए आगरा मेट्रो टीम की सराहना की है। यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने डिपो परिसर में जारी निर्माण कार्य की प्रगति पर संतुष्टि जताई है। कुमार केशव ने बताया कि आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर के लिए पीएसी स्थित विश्वस्तरीय मेट्रो डिपो का सिविल निर्माण कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसके साथ ही कुमार केशव ने बताया कि मेट्रो ट्रेन के ट्रैक्शन(संचालन हेतु बिजली सप्लाई) के लिए रिसीविंग सब स्टेशन भवन का निर्माण डिपो परिसर में शुरू हो गया है।
पीईबी तकनीक के जरिए हो रहा निर्माण
बता दें कि डिपो परिसर में रखरखाव के लिए पीईबी तकनीक के जरिए इंटीग्रटिड वर्कशॉप, पिट व्हील लेथ एवं मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद कॉमर्शियल ऑपरेशन के पश्चात ट्रेनों को स्टेबल (खड़ा) करने के लिए कवर्ड स्टेब्लिंग शेड का निर्माण जारी है। इसके साथ ही डिपो परिसर में अंडरग्राउंड वॉटर टैंक, ऑटो कोच वॉश प्लांट का सिविल निर्माण पूरा हो गया है। डिपो परिसर में वर्षा जल संचयन के लिए विभिन्न जगहों पर रेन वॉटर हारवेस्टिंग पिट का निर्माण किया जा रहा है।
क्या है पीईबी तकनीक?
पीईबी या प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग तकनीक के जरिए बेहद ही कम समय में बड़े एवं विशाल शे़ड का निर्माण किया जाता है। इस तकनीक में निर्माण स्थल पर पीईबी स्ट्रक्चर के लिए फाउंडेशन का काम किया जाता है। इसके बाद फैक्ट्री में निर्मिंत पीईबी के मेटल से बने विभिन्न भागों को निर्माण स्थल पर लाकर जोड़ा जाता है और विशाल शेड का निर्माण किया जाता है। इस तकनीक के जरिए न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि निर्माण की लागत में कमी आती है। इसके साथ ही इस तकनीक के प्रयोग से संरचना को जरूरत के हिसाब से एवं आकर्षक आकार भी दिया जा सकता है।
डिपो परिसर में प्रीकास्ट तकनीक के जरिए 2450 मीटर लंबी कंपाउंड बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 2400 मीटर से अधिक बाउंड्री वॉल बनकर तैयार हो गई है। बता दें कि कंपाउंड वाउंड्री वॉल को दो हिस्सों में बनाया जाता है। इस तकनीक में पहले बाउंड्री वॉल की फाउंडेशन का निर्माण किया जाता है। इसके बाद पहले से कास्ट किए गए ब्लॉक्स को फाउंडेशन से जोड़ा जाता है। इस तरह से प्री कास्ट तकनीक के जरिए बाउंड्री वॉल निर्माण न सिर्फ जल्दी होता है, बल्कि ये पारंपरिक तरीके से बनी हुई बाउंड्री वॉल से बेहद मजबूद होती है। इसके साथ ही ये बाउंड्री वॉल बेहद ही आकर्षक भी लगती है।
आगरा मेट्रो पर एक नजर
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।