National Chamber, Agra Former President, Cold store Federation of India
Agra News : Agra Gastro Liver Center saved the life of a 90 year old man suffering from Bouveret Syndrome…#Agra
आगरालीक्स…दर्द से परेशान 90 साल के बुजुर्ग, खाना-पीना भी था बंद, आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर आकर बची जान, आखिर क्या बला है ये बोवेरैट सिंड्रोम ?आगरा में विभव नगर के रहने वाले एक 90 वर्षीय बुजुर्ग दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थे। एक दिन अचानक उनके पेट में दर्द होना शुरू हुआ। उल्टियां भी हुईं। फिर खाना-पीना बंद कर दिया। परिजनों ने कई जगह दिखाया लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, न ही बीमारी का पता चल सका। किसी पहचान वाले ने आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर ले जाने की सलाह दी। ( Agra Gastro Liver Center saved the life of a 90 year old man suffering from Bouveret Syndrome)
04 जून 2024 को 90 वर्षीय जय किशन (बदला हुआ नाम) को उनके परिजन आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर लेकर पहुंचे थे। उनकी हालत गंभीर थी। यहां सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. समीर तनेजा को दिखाया। डॉ. तनेजा ने अल्ट्रासाउंड कराया लेकिन बहुत अधिक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। छोटी आंत में रूकावट का अंदाजा जरूर हुआ जिसकी वजह से खाना आगे नहीं जा रहा था। इसके बाद एंडोस्कोपी की गई जिसमें आंत में एक पत्थर फंसा नजर आया। डॉ. तनेजा ने बताया कि यह हैरानी की बात थी क्योंकि आम तौर पर इस जगह पथरी नहीं होती है। अपने अनुभव से उन्होंने बताया कि पित्त की थैली में प्रेशर डालकर एक छेद करते हुए यह पत्थर आंत तक पहुंचा और फंस गया। इसे बोवेरैट सिंड्रोम कहा जाता है और इलाज के लिए एक बड़ी सर्जरी की जरूरत होती है। मगर इस केस में चूंकि मरीज की उम्र काफी अधिक थी यह सर्जरी नहीं की जा सकती थी। ऐसे में एक नई तकनीक का उपयोग करते हुए एंडोस्कोपी की मदद से एक लेजर फाइबर से पत्थर को चूर चूर कर निकाला गया। इस प्रक्रिया में कुछ घंटे का समय लगा। खास बात यह कि बेहोशी की जरूरत तक नहीं पड़ी न ही मरीज को किसी तरह की कोई परेशानी हुई।
क्या है बोवेरैट सिंड्रोम ?
आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश गर्ग ने बताया कि बौवेरेट सिंड्रोम, आंतों की रुकावट का एक दुर्लभ कारण है, जो पित्ताशय की पथरी के आंतों में पहुंच जाने के कारण होता है।
लक्षण
आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत चौहान ने बताया कि वैसे तो यह बहुत दुर्लभ बीमारी है लेकिन इसके लक्षण मतली, उल्टी और पेट में दर्द हैं। कुछ मामलों में क्रोनिक लक्षणों के कारण वजन कम हो जाता है।
पहचान और उपचार
आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. पंकज कौशिक ने बताया कि आमतौर पर सिंड्रोम का निदान एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड या एंडोस्कोपी के माध्यम से किया जाता है। उपचार के विकल्प एंडोस्कोपिक या सर्जिकल हैं।