आगरालीक्स (18th October 2021 Agra News)… गुजरात पुलिस भी नहीं खरीदेगी आगरा के जूते. आगरा के घरेलू जूता उद्योग को बड़ा झटका.
टेंडर से किया बाहर
गुजरात पुलिस के जूतों के टेंडर से भी तीन माह बाद अब आगरा की छोटी जूता कम्पनियों को बाहर कर दिया गया है। इससे आगरा के घरेलू जूता उद्योग को फिर बड़ा झटका लगा है। कुछ दिन पहले सीआईएसएफ दिल्ली टेंडर में शामिल होने के लिए 2500 लाख रुपये टर्नओवर की शर्त के साथ पहले ही बाहर कर चुकी है। हालांकि आगरा की छोटी जूता इकाइयों की ओर से की गई शिकायत पर सीआईएसएफ ने टेंडर निरस्त कर दिया। लेकिन आगे की स्थिति को स्पष्ट नहीं की है।

कोई भी सरकार नहीं सुन रही
बूट मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन आगरा के अध्यक्ष सुनील गुप्ता व सचिव अनिल महाजन ने बताया कि आगरा का घरेलू जूता उद्योग अंतिम सांसे गिन रहा है। केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार तक से गुहार लगाई लेकिन आश्वासन ही मिला। तीन माह पहले गुजरात पुलिस के जूतों के टेंडर में आगरा की फर्में शामिल हुई थीं। उन्होंने टेंडर की शर्तों को क्वालीफाई कर लिया। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते जो शर्तें पहले टेंडर में नहीं थी, उन्हें लगा दिया गया।
टेंडर की शर्तों में मनमानी
उन्होंने बताया कि टेंडर की शर्तों को अपनी मनमानी से ओवर रूल कर दिया गया। पहले 40 प्रतिशत सप्लाई आर्डर मांगे गए, जिन्हें पूरा कर दिया गया। फिर प्लांट मशीनरी के बिल मांगे गए, वह भी दिखा दिए गए। इसके बाद एफडीडीआई से प्लांट एंड मशीनरी के निरीक्षण की शर्त लगा दी गई, जबकि एफडीडीआई जूते की गुणवत्ता का निरीक्षण करने वाली संस्था है।
550 करोड़ का घपला हुआ था
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि यूपी के परिषदीय स्कूलों में बच्चों के जूतों के टेंडर का भी एफडीडीआई ने निरीक्षण किया था। इसके बावजूद उसमें 550 करोड़ का घपला हुआ, जिसका संज्ञान हाईकोर्ट को लेना पड़ा। आरोप है कि दिल्ली-एनसीआर की फर्में हैं जो टेंडर को मैनेज करती हैं। एमएसएमई की छोटी फर्में खत्म हो रहीं हैं। ऐसे में सरकार का लघु व कुटिर उद्योग को बढ़ावा देने का नारा बेमानी लगता है।