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Agra News: Akhil Bhartiya Kavi Sammelan held in Agra, poetry collection also released…#agranews
आगरालीक्स…मजबूरी ने माता-पिता से सारे आभूषण छीन लिए, बेटों ने टूटी चौखट के टुकड़े-टुकड़े बीन लिए. अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व शायरी व गजल संग्रह शाएगां शायरी का हुआ विमोचन
मजबूरी ने माता-पिता से सारे आभूषण छीन लिए, बेटों ने टूटी चौखट के टुकड़े-टुकड़े बीन लिए, मां को बच्चे मजबूरी की इस अभिलाषा तक ले आए, प्यार भरी उस ममता को गाली की भाषा तक ले आए…। होटल आशादीप में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व हरीश कुमार सिंह भदौरिया द्वारा रचित शायरी व गजल संग्रह शाएगा शायरी के विमोचन कार्यक्रम में भक्ति, हास्य, श्रंगार और वीर रस से भरी कवियों की रचनाएं ऐसी गूंजी कि कभी भारत माता के जयकारों तो कभी ठहाकों से परिसर गूंज उठा।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. विनोद माहेश्वरी व विशिष्ठ अतिथि प्रो. युवराज सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। शायरी व गजल के अपने नए संग्रह शायगां शायरी की रचनाओं को हरीश कुमार सिंह भदौरिया ने संगीत के सुर में सजा कर पेश किया। वहीं कवि सम्मेलन में झारखंड, उत्तराखंड, पिथौरागढ़, बरेली पीलीभीत से पहुंचे रचनाकारों ने ऐसा समां बांधा कि कवि की रचनाओं का जादू कभी दर्शकों की आखों में झलकता तो कभी होंठों पर बिखरता नजर आया। बेटियों से गुरेज है जिनको, उनके आंगन खुशी से तरसेंगे… उत्तराखंड के बादल बाजपुरी (वाह भाई वाह फेम), पीलीभीत के नीलेश कुमार ने प्यार भरे उस आंगन को बेटों ने ऐसा बांटा है, बुजुर्ग बाप का जैसे मानो सीधा हाथ काटा है…, पिथौरागढ़ के नवीन आर्य नवी ने दर्द भरी राहों में मंजिल की पनाह रखता हूं, मैं नवीन हूं, हमेशा कुछ नए की चाह रखता हूं…, झारखंड की सृष्टि अग्रवाल ने होंठों का रंग रूप भी उनका चुम्बन की ललकार कहूं, लाली नहीं लगाते तो क्या असर अनेश ऐ खास कहूं…,
बरेली के पंकज शर्मा ने तुम्हारा कोई भी सानी नहीं है, समन्दर है दिल में पानी नहीं है… रचना प्रस्तुत की, आगरा के गीतकार दीपक सिंह सरीन ने अपनी प्रेमगीत के गीतकार की छवि को बदलते हुए हिंदी पर जोर देते हुए प्रेमचंद का गबन पढ़ो तुम, पढ़ डालो महादेवी वर्मा, अनामिका लिख डाले निराला दिनकर ने कैसे देश पुकारा सुनाते हुए बताया कि यह बड़ी ही विडंबना का विषय है कि भारत विश्व में एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास अपनी राष्ट्रभाषा नही है दीपक सिंह सरीन ने कहा कि वे संपूर्ण भारत में हिंदी राष्ट्रभाषा बने इसके लिए अपने गीत से जन जागरण करेंगे,
कार्यक्रम में नवागत कवि दिनेश यादव व मुकुल ने भी अपना काव्य पाठ किया। विमोचन सत्र का संचालन दीपक सिंह सरीन व काव्य सत्र का संचालन विवेक बादल बाजपुरी ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से कैप्टन मुनेश्वर सिंह भदौरिया, लेफ्टिनेंट कर्नल गजेंद्र सिंह भदोरिया , अरुण कुमार सिंह भदोरिया, वीरेंद्र कुमार, शुभम वर्मा, अरविंद सिंह, विवेक खंडेलवाल, प्रधान जी, एस के बग्गा, उमेश शर्मा, चेतन, मनोज गोयल, सुमित सक्सेना, आनंद शर्मा, अजय सिंह, शिखर चतुर्वेदी, कमल सिंह, अरुण सिंह, दीपक, मनीष शर्मा, रजनी सिंह , गौरव वर्मा, रूपेश सिंह आदि उपस्थित थे।