Agra news: Akshaya Tritiya on 10th May in auspicious coincidence, the biggest day to get success, know the features
आगरालीक्स…अक्षय तृतीया 10 मई को मंगलकारी शुभ संयोग में। मां गंगा, महर्षि परशुराम जन्मोत्सव। सफलता पाने का सबसे बड़ा दिन।
ग्रहों का शुभ संयोग बना रहा है इस दिन को मंगलाकारी
भारतीय पर्वों में अक्षय तृतीया पर्व का विशेष महत्व है। इस मुहूर्त को बेहद शुभ माना जाता है। इस खास दिन के बारे में श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदयरंजन शर्मा बताते हैं कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी अक्षय तृतीया पर्व अपने आप में अनू छठ भुजा (अनपूछा) मुहूर्त है शुक्रवार को आने व मेष राशि में शुक्र और बुध, वृषभ राशि में सूर्य और गुरु और मीन राशि में मंगल और राहु का संयोग कुम्भ में स्वग्रही शनि देव होने की वजह से यह अत्यंत मंगलकारी हो गया है।
आज के दिन की विशेषताएं
-आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था
-मां अन्नपूर्णा का जन्म की भी मान्यता है
-मां गंगा का अवतरण हुआ था
-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज के ही दिन बचाया था
-कुबेर को आ इस बहसज के दिन खजाना मिला था
-सतयुग और त्रेतायुग का प्रारब्ध आज के दिन हुआ था
-कृष्ण और सुदामा का मिलन भी अक्षय तृतीया पर हुआ था
-ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण
-प्रसिद्ध तीर्थ बद्री नारायण का कपाट आज के दिन खोले जाते हैं
-वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं अन्यथा सालभर चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं
-महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था
-अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयंसिद्ध मुहूर्त है, कोई भी शुभ कार्य का प्रारंभ किया जा सकता है
सौभाग्य के लिए जाना जाता है अक्षय तृतीया को
अक्षय तृतीया का त्योहार सौभाग्य के लिए जाना जाता है। इस दिन का कमहत्व सुंदर और सफलतम वैवाहिक जीवन के लिए सबसे अधिक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या दान करने का महत्व है। इस दिन जितना भी दान करते हैं उसका चार गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन किए गए कार्य का पुण्य कभी क्षय नहीं होता। यही वजह है कि इस दिन पुण्य प्राप्त करने का महत्व है
इस दिन अर्जित पुण्य का नहीं होता क्षय
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं हो। माना जाता है कि इस दिन जो भी पुण्य अर्जित किए जाते हैं उनका कभी क्षय नहीं होता है। इस शन ननं आरंभ किए गए कार्य भी शुभ फल प्रदान करते हैं
शुभ कार्यों का आरंभ इसी दिन होता है
यही वजह है कि ज्यादातर शुभ कार्यों का आरंभ इसी दिन होता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन हर तरह के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं और उनका शुभदायक फल होता है। वैसे तो हर माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया शुभ होती है लेकिन वैशाख माह की तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त मानी गई है। इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ व मांगलिक कार्य किए जाते हैं
दान करने से अक्षय की प्राप्ति
विवाह, जैसा गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की बसदारी जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं। इस दिन पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान अथवा अपने सामर्थ्य के अनुरूप किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है
गंगा स्नान से मिलती है कष्टों से मुक्ति
इस दिन लोग श्रद्धा से गंगा स्नान भी करते हैं और भगवद् पूजन करते हैंक का ताकि जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकें। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अपने अपराधों की क्षमा मांगने पर भगवान क्षमा करते हैं और अपनली कृपा से निहाल करते हैं। अत: इस दिन अपने भीतर के दुर्गुणों को भगवान के चरणों में अर्पित करके अपने सद्गुणों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए