आगरालीक्स…आगरा में नगर निगम द्वारा संचालित ‘एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर’ में पशु क्रूरता के आरोप. सेंटर में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भूख प्यास से तड़प रहे कुत्ते. नियम विरुद्ध नसबंदी के लिए ले जाया जा रहा..ये मांगें की
आगरा नगर निगम द्वारा संचालित “Animal Birth Control (ABC) Center” जलेसर रोड पर भारी स्तर पर पशु क्रूरता, संवेदनहीनता एवं प्रशासनिक लापरवाही देखी जा रही है, जो न केवल भारत सरकार द्वारा अधिसूचित ABC Rules 2023 का उल्लंघन है, बल्कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के स्पष्ट आदेशों की भी अवहेलना है। यह जानकारी आयोजित प्रेस वार्ता में awbi /hawr सदस्य विनीता अरोड़ा, awbi/cact, pfa मेंबर विनीता शर्मा एवं अंसल कोर्टयार्ड की फीडर्स डॉ. रजनी भारती व नीलम चतुर्वेदी द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि इस प्रेस वार्ता का उद्देश्य न केवल इन अमानवीय कृत्यों की जानकारी समाज तक पहुंचाना है, बल्कि प्रशासन को चेताना भी है कि यदि पशुओं की रक्षा एवं उनके अधिकारों की अनदेखी की गई, तो यह न केवल नैतिक, बल्कि विधिक दृष्टि से भी आपराधिक कृत्य है।प्रमुख बिंदु – नियमों के उल्लंघन की स्थिति
- पशु पकड़ने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव
ABC 2023 की धारा 7(1) एवं 7(3) के अनुसार, किसी भी कुत्ते को पकड़ने से पूर्व स्थानीय फीडर्स या निवासी को सूचित करना, उसकी स्थिति दर्ज करना तथा केवल स्वस्थ कुत्तों का ही नसबंदी के लिए चयन करना अनिवार्य है। किंतु नगर निगम द्वारा किसी भी सूचना के बिना अंधाधुंध पकड़धाकड़ की जा रही है। कई बार गर्भवती मादाएं और नवजात के साथ मादाएं भी उठाई गईं — जिससे Shelter में ही उनके शिशुओं की मृत्यु हो गई। - नसबंदी पश्चात देखभाल का अभाव
Post-operative care नाम मात्र की है। कुत्तों को बिना छांव, पानी, दवा, बिस्तर, वेंटिलेशन और डॉक्टर की निगरानी के 40°C तापमान में बंद रखा गया है। कई कुत्तों को प्यास से तड़पते देखा गया है। कुछ जानवरों को संक्रमण और मवादयुक्त घावों के बावजूद इलाज नहीं दिया गया — यह ABC 2023 Schedule I और Rule 3(4) का उल्लंघन है। - Ear Notching एवं Tagging नहीं की गई
सर्जरी के बाद Ear-notch या टैगिंग अनिवार्य है जिससे जानवरों की पहचान हो सके कि उन्हें नसबंदी एवं टीकाकरण हो चुका है। लेकिन न तो टैग लगाए गए, न ही कोई पहचान दर्ज की गई। - समय पर रिहाई नहीं
ABC Rules 2023 की धारा 9(2) के अनुसार, नसबंदी के 3 दिन के भीतर जानवर को उसी क्षेत्र में वापस छोड़ना आवश्यक है। लेकिन कई जानवरों को 18–25 दिन से अधिक केंद्र में रखा गया, जिससे क्षेत्रीय झगड़े, मानसिक तनाव, और कुछ मामलों में जानवरों की मृत्यु भी हुई। - कोई रिकॉर्ड नहीं, कोई पारदर्शिता नहीं
जानवरों के पिकअप और ड्रॉप की कोई फीडर को पावती नहीं दी गई, ना ही कोई प्रशासनिक रिकॉर्ड साझा किया गया। जनता को नहीं पता कि उनके क्षेत्र के कुत्ते कहां गए, किस हाल में हैं या जीवित भी हैं या नहीं। यह पूर्णतः गैरकानूनी और अनैतिक है।
ABC 2023 नियम, जो Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960 के अंतर्गत अधिसूचित हैं, स्पष्ट रूप से निम्नलिखित बिंदुओं को अनिवार्य करते हैं:
नसबंदी हेतु केवल स्वस्थ कुत्तों का चयन
गर्भवती, बीमार या घायल कुत्तों को नहीं उठाया जाएगा
नसबंदी पश्चात उचित देखभाल (पानी, भोजन, छांव, दवाएं)
Ear-notching/Tagging की व्यवस्था
3 दिन के भीतर मूल स्थान पर रिहाई
प्रत्येक पिकअप/ड्रॉप का रिकॉर्ड तैयार कर फीडर या स्थानीय प्रतिनिधि से साझा करना
इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 नवंबर 2015 और पुनः 18 अप्रैल 2023 को अपने निर्णयों में यह स्पष्ट किया गया कि कोई भी कुत्ता उसके मूल स्थान से स्थायी रूप से नहीं हटाया जा सकता, और उनकी नसबंदी/टीकाकरण पश्चात उन्हें उसी स्थान पर छोड़ा जाना आवश्यक है।
सामाजिक व नैतिक पहलू
कुत्ते, विशेषकर सड़कों पर रहने वाले, मानव सह-अस्तित्व के आधार पर संरक्षित हैं। यदि कोई प्रशासनिक इकाई या व्यक्ति उन्हें बिना रिकॉर्ड के उठा कर गायब कर दे — तो यह क्रूरता के साथ-साथ संवैधानिक मूल्यों का भी हनन है।
डॉ. रजनी भारती, पूर्व HOD, SNMC, आगरा की चारों स्ट्रीट डॉग्स को नगर निगम द्वारा उठाया गया। न तो उन्हें वापस किया गया, न कोई स्पष्ट जवाब मिला। उनके जैसे अनेकों फीडर और पशु प्रेमी लगातार शिकायतें दे रहे हैं लेकिन प्रशासनिक समर्थन न के बराबर है।
ये मांगें की
- Nagar Nigam द्वारा संचालित Jalesar Road ABC Center को जांच में लिया जाए।
- सभी कुत्तों को पहचान, Ear-notch, Tagging एवं चिकित्सा जांच के बाद अविलंब उनके क्षेत्र में छोड़ा जाए।
- जिन कुत्तों की मृत्यु Shelter में हुई — उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, वीडियोग्राफी एवं जांच कमेटी बनाई जाए।
- जिन RWA और व्यक्तियों की शिकायतों पर अवैध रूप से कुत्ते हटाए गए — उन पर FIR दर्ज की जाए।
- नगर निगम द्वारा अपनी प्रक्रियाओं को पारदर्शी एवं सार्वजनिक किया जाए (प्रेस नोट/सोशल मीडिया)
- एक स्थायी निगरानी समिति का गठन हो जिसमें पशु प्रेमी, डॉक्टर, Feeder, मीडिया एवं प्रशासनिक सदस्य शामिल हों।