Agra news: by keeping fast on Vijaya Ekadashi to please Lord Vishnu, one gets success in all works
आगरालीक्स… विजया एकादशी का व्रत धारण करने से समस्त कार्यों में मिलती है सफलता। भगवान विष्णु को प्रसन्न का यह व्रत 16 फरवरी को है। जानिये क्या है महत्व।
पूर्व जन्मों के पापों का भी होता है नाश
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा बताते हैं कि फाल्गुन मास की कृष्ण एकादशी का व्रत धारण करने से न सिर्फ समस्त कार्यों में सफलता मिलती है, बल्कि पूर्व जन्म के पापों का भी नाश हो जाता है। इसका पुण्य उस व्यक्ति को भी मिलता है जिसकी मृत्यु हो चुकी है। आप आप उसकी आत्मा की शांति या मोक्ष की कामना से यह व्रत धारण कर रहे हैं।
गृहस्थ लोगों के लिए. 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत रखना शुभ रहेगा।
17 फरवरी को
(वैष्णव निंबार्क) लोगों के लिए 17 फरवरी को विजया एकादशी का व्रत रखना शुभ रहेगा
रावण से युद्ध से पूर्व श्रीराम ने रखा था व्रत
कथा के अनुसार वनवास के दौरान जब भगवान श्रीराम को रावण से युद्ध करने जाना था तब उन्होंने भी अपनी पूरी सेना के साथ इस महाव्रत को रखकर ही लंका पर विजय प्राप्त की थी।
व्रत विधि
इस तरह करें आराधना
🏵इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर उनकी धूम, दीप, पुष्प, चंदन, फूल, तुलसी आदि से आराधना करें, जिससे कि समस्त दोषों का नाश हो और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकें।
तुलसी को पूजन में जरूर शामिल करें
भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है इसलिए इस दिन तुलसी को आवश्यक रूप से पूजन में शामिल करें। भगवान की व्रत कथा का श्रवण और रात्रि में हरिभजन करते हुए उनसे आपके दुखों का नाश करने की प्रार्थना करें।
रात्रि जागरण का भी होता पुण्य फल प्राप्त
रात्रि जागरण का पुण्य फल आपको जरूर ही प्राप्त होगा। व्रत धारण करने से एक दिन पहले ब्रम्हचर्य धर्म का पालन करते हुए व्रती को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। व्रत धारण करने से व्यक्ति कठिन कार्यों एवं हालातों में विजय प्राप्त करता है।
💥 एकादशी आरम्भ- 15/16 फरवरी 2023 दिन गुरुवार की सुबह 05 बजकर 32 मिनट से।
💥एकादशी तिथि समाप्त- 16/17 फरवरी दिन गुरुवार समय रात्रि 02 बजकर 49 मिनट तक।
💥पारण का समय- 18 फरवरी सुबह 6:35 से 8: 55 के बीच।