आगरालीक्स…आगरा में 21 साल से नीचे के बच्चे शराब न खरीदें, शराब की दुकानों पर कैमरे से हो निगरानी. बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने की समीक्षा, दिए सख्त निर्देश
आज राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में यूथ हॉस्टल के मीटिंग सभागार में मंडलस्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में उनके द्वारा उच्च/माध्यमिक/बेसिक शिक्षा विभाग, गृह/पुलिस, स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग, पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, समाज कल्याण, जिला बाल संरक्षण इकाई/बाल कल्याण समिति तथा दिव्यांग जन कल्याण इत्यादि विभागों की समीक्षा की गई, जिसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं यथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, पीएम केयर एवं कन्या सुमंगला योजना के संबंध में जानकारी प्राप्त की, जिस पर सम्बन्धित जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद आगरा में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में 298, मथुरा में 188, फिरोजाबाद में 109 तथा जनपद मैनपुरी में 49 बच्चों को योजना से लाभान्वित किया गया है, इसके साथ ही कन्या सुमंगला योजना के तहत अग्रसारित आवेदन पत्रों के सापेक्ष कुल 69139 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
बैठक में उन्होंने ने आंगनबाड़ी केंद्रों की जानकारी प्राप्त की तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल व वेट मशीन चलाने हेतु प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। जनपद में संचालित प्राइवेट स्कूलों की मान्यता की जांच करने तथा जो स्कूल गरीब बच्चों को नहीं पढ़ा रहे हैं, उनकी मान्यता रद्द करने के निर्देश बीएससी आगरा को दिए, इसके साथ ही बच्चों की उपस्थिति के लिए पेरेंट्स मीटिंग करने तथा उनकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। बैठक में माननीय अध्यक्ष ने नारकोटिक्स की दवाइयां बच्चे ना खरीदें तथा 21 वर्ष के नीचे के बच्चे शराब ना लें इसके लिए जनपदों में कितने कैमरे लगाए गए की भी जानकारी प्राप्त की, जिसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि शहर में कैमरा लगाए जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बैठक में अध्यक्ष ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा को एक युद्ध नशे के विरुद्ध का पोस्टर बनवाकर एएसटीओ को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बैठक में अध्यक्ष ने उच्च/माधमिक/बेसिक शिक्षा विभाग को स्कूलों में हिंसा की रोकथाम, स्कूल न जाने वाली बालिकाओं की शिक्षा से जोडने हेतु प्रयास करने, बाल विवाह के विरूद्ध जागरूकता पैदा करने, विद्यालयों में चिल्ड्रेन क्लब (प्रहरी) की स्थापना करने, तथा विद्यालयों में नशा विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही गृह/पुलिस विभाग को प्रशिक्षण कलैण्डर विकसित करते हुये निपसिड के सहयोग से विशेष किशोर पुलिस इकाईयों का प्रशिक्षण व क्षमतार्वद्धन, गुमशुदा बच्चों को खोजने हेतु बेहतर अभिसरण व समन्वय, बच्चों के प्रकरणों में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जाँच अधिकारी बनाये जाने हेतु सुसंगत योजना निर्माण व छोटे अपराधों जिनमें अपराध की सजा 3 वर्ष से कम है, में बच्चों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ०आई०आर०) न लिखने और बच्चों को थाने से कानूनी प्राविधानों के अंतर्गत छोड़े जाने हेतु कर्मियों को प्रशिक्षण और सुसंगत हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर एडीसीपी डॉ. राजीव कुमार सिंह, अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. चन्द्रशेखर, उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी, सहायक शिक्षा निदेशक महेश चंद्र, उपनिदेशक पंचायत अभय कुमार शाही, उपनिदेशक महिला और बाल विकास श्रुति शुक्ला, संयुक्त निदेशक शिक्षा आरपी़ शर्मा सहित मण्डल के जिला प्रोबेशन अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।