Agra News: Das Lakshan Mahaparva started with Uttam Kshama Dharma in Agra…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में उत्तम क्षमा धर्म के साथ शुरू हुआ दश लक्षण महापर्व. दिगंबर जैन मंदिरों में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम…
उत्तम क्षमा धर्म के साथ मंगलवार को दिगंबर जैन समाज का दशलक्षण महापर्व का शुभारंभ हुआ. जैन मंदिरों को भव्य सजाया गया. जैन मुनियों के मंगल प्रवचन के साथ अन्य धार्मिक में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. 30वां श्रावक संस्कार शिविर भी आयोजित किए गए, जिसमें बच्चों एवं युवाओं और बड़ों को दस दिन तक प्रशिक्षण दिया जाएगा. महापर्व के पहले दिन आगरा के हरीपर्वत स्थित श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अमृत सुधा सभागार में दशलक्षण महापर्व के साथ सभी 3350 शिविरार्थी का संस्कार पूजन एवं धार्मिक शिविर भी शुरू हो गया है.
निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री गंभीर सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य एवं बाल ब्रह्मचारी प्रदीप जैन सुयश भैया जी एवं विनोद भैया जी के कुशल निर्देशन में उत्तम क्षमा धर्म पर सभी शिविरार्थी ने सुबह श्रीजी का अभिषेक और शांतिधारा एवं संगीतमय में दशलक्षण पूजन किया. इसके बाद मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए उत्तम क्षमा धर्म के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की आज के दिन आपके सामने आपका सबसे बड़ा दुश्मन आ जाए तो उसे क्षमा कर देना. गुरुवर ने कहा की दश लक्षण धर्मों में सबसे कठिन धर्म उत्तम क्षमा धर्म है. शाम को मुनिश्री का जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम हुआ. वही संगीतमय में मुनिश्री एवं श्रीजी की मंगल आरती की गई.

धर्मसभा का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल द्वारा किया. मीडिया प्रभारी शुभम जैन के मुताबिक बुधवार को दशलक्षण महापर्व के दूसरे दिन मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज के सानिध्य में उत्तम मार्दव धर्म की पूजन होगी. इस अवसर पर प्रदीप जैन पीएसी जगदीश प्रसाद जैन, नीरज जैन, निर्मल मोठया, राकेश सेठी, हीरालाल बैनाड़ा, पन्नालाल बैनाड़ा, अमित जैन बॉबी,अनिल जैन नरेश जैन,मीडिया प्रभारी शुभम जैन, राहुल जैन, बीना बैनाड़ा, उमा मोठया, उषा मोठया, समस्त आगरा सकल जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
वही श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर ओल्ड ईदगाह कॉलोनी में दशलक्षण महापर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म पर गणिनी आर्यिका श्री आर्षमति माता जी के मंगल सानिध्य एवं पंडित राजेश जैन भैया जी के निर्देशन में दशलक्षण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना के रुप में मनाया गया. पंडित राजेश जैन के निर्देशन में मंत्रोचार के साथ भगवान पार्श्वनाथ का अभिषेक एवं शांतिधारा पूजन हुई, साथ ही गुरु मां ने उत्तम क्षमा धर्म के बारे में बताया कि क्षमा से व्यक्ति को इस लोक के साथ अगले लोक में सुख मिलता है.

जीवन के हर कार्य के साथ क्षमा होना आवश्यक है, तभी वह अपने आप को संकट से बचा सकता है. उन्होंने बताया कि पर्युषण पर्व आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करता है. इसलिए इस दौरान अहिंसा यानी किसी को दुख,कष्ट ना देना,सत्य के मार्ग पर चलना,चोरी ना करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना ही जैन धर्म के सिद्धांतों को रेखांकित करता है.