आगरालीक्स…आपरेशन के बाद भी गुर्दे की पथरी बार—बार हो जाती है. डॉक्टरों ने बताया कि अगर किया जाए ये काम तो गुर्दे की पथरी बार—बार होने का नहीं रहेगा खतरा….एएसए की कार्यशाला में हुई चर्चा
दूरबीन विधि से गुर्दे की सभी पथरी की सर्जरी संभव
गुर्दे की पथरी के बार बार होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में आपरेशन के बाद निकली पथरी की एनालाइसिस करा ली जाए तो दवाएं और सावधानी बरतने से दोबारा पथरी होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी। शनिवार रात को होटल होलीडे इन में एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ आगरा एएसए की कार्यशाला में गुर्दे की पथरी के आपरेशन पर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता प्रो. एमएस अग्रवाल ने बताया कि अत्याधुनिक रेट्रोग्रेड इंट्रारीनल सर्जरी (आरआइएनएल) से गुर्दे से पेशाब के रास्ते के बीच में कहीं भी पथरी हो उसे निकाला जा सकता है। वहीं, गुर्दे के अंदर पथरी है तो ऐसे केस में मिनी परकुटेनियस नेफ्रोलिथोटामी (पीसीएनएल) की मदद ली जा सकती है। इस तरह इन दोनों तकनीक का इस्तेमाल कर गुर्दे से पेशाब के रास्ते में कोई पथरी है और उसका आकार भी कितना भी अधिक हो उसे पेशाब के रास्ते से निकाला जा सकता है।
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एएसए के अध्यक्ष डा. सुनील शर्मा ने बताया कि सर्जरी के बाद निकलने वाली पथरी की एनालाइसिस जरूरी करानी चाहिए। इससे पता चल जाता है कि पथरी कैल्शियम की तो नहीं है। पथरी किस कारण से बनी है यह पता चलने पर दवाएं और पानी का सेवन अधिक करने के साथ कुछ सावधानी बरतने से पथरी दोबारा होने का खतरा नहीं रहता है। ऐसा न करने पर पांच से छह साल के अंतराल पर दोबारा पथरी की समस्या हो रही है। एएसए के सचिव डा. समीर कुमार ने कहा कि पानी का सेवन कम करने से पथरी की समस्या बढ़ रही है। ए
सोसिएशन आफ सर्जन आफ इंडिया एएसआइ के कार्यकारणी सदस्य डा. अमित श्रीवास्तव ने कहा कि गुर्दे की पथरी होने पर डाक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए। ज्यादा दिन तक पथरी रहने से गुर्दे को नुकसान हो सकता है। चेयरपर्सन डा. एएल व्यास, डा. जूही सिंघल, डा. नितिन गर्ग, डा. ईश्वरी रहे। डा. आरसी अग्रवाल, डा. अपूर्व चतुर्वेदी, डा. रविंद्र पचौरी, डा. अनंग उपाध्याय,डा.अंकुर बंसल, डा. हिमांशु यादव डा. अनुभव गोयल ,डा मनीष गोयल आदि मौजूद रहे।