आगरालीक्स…आगरा जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं देखने पहुंची मंडलायुक्त. मरीज का तीमारदार बोला—डॉक्टर की लिखी एक दो दवाएं ही यहां मिलती है, बाकी बाहर से लाते हैं…चेतावनी की जारी
मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी ने आज जिला अस्पताल की व्यवस्था, साफ सफाई एवं इलाज की सुविधा के साथ साथ पीडब्लूडी और सेतु निगम के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया। मण्डलायुक्त ने सर्वप्रथम आगरा जिला अस्पताल में हड्डी रोग विभाग का दौरा किया। कक्ष में मौजूद चिकित्सक द्वारा अवगत कराया गया कि प्रतिमाह लगभग 40 सर्जरी हो रही हैं। जिसमें आयुष्मान योजना के लाभार्थी भी शामिल हैं। ऑर्थो कक्ष से बाहर व्हील चेयर पर पैर में प्लास्टर चढ़े मरीज से हाल चाल लिया। मरीज युवक जाॅनी निवासी गोपालपुुरा द्वारा बताया गया कि जिला अस्पताल में उनकी सर्जरी निःशुल्क हुई है लेकिन ऑर्थो ऑपरेशन हेतु प्रयोग में आने वाले इम्प्लांट का सामान निजी/बाहरी एजेंसी से ख़रीदा।इस पर महोदया द्वारा निर्देश दिए कि जिला अस्पताल में कोई भी बाहरी एजेंसी या व्यक्ति अस्पताल के अंदर इम्प्लांट का बिक्री न करें और न ही चिकित्सक द्वारा इम्प्लांट खरीदने हेतु किसी एजेंसी को रेफर किया जाए।
दवा वितरण कक्ष में रखी दवाईयों की जांच की। काउंटर पर दवाई ले रहीं महिला तीमारदारों से बातचीत कर अस्पताल से मिल रही दवाईयों की स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान कांउटर के उपर छत का जगह-जगह प्लास्टर टूटा हुआ दिखाई दिया। मेंटेनेंस कराने के निर्देश दिए। आकस्मिक विभाग, एनआरएल वार्ड में भर्ती मरीज व बच्चों के परिजनों से चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे ईलाज के हालचाल लिए। तीमारदारों द्वारा बताया गया कि इलाज, दवाई और खानपान आदि सभी सुविधाएं समय से मिल रहीं है। कोई परेशानी नहीं है।
इसके बाद जिला अस्पताल के मेडिकल स्टाॅक रूम का निरीक्षण किया। दवाइयां की उपलब्धता, स्टॉक रजिस्टर एवं एक्सपायरी दवाइयों की दर्ज प्रविष्टि का ब्यौरा माँगा लेकिन कई बार कहने के बावजूद चीफ फार्मासिस्ट एक्सपायरी दवाइयों की दर्ज प्रविष्टि का ब्यौरा नहीं दिखा सके और ना हीं यह बता सके कि एक्सपायरी दवाइयों को कहां और कैसे निस्तारण किया गया। इससे नाराज मण्डलायुक्त ने चीफ फार्मासिस्ट के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए। मरीजों की जांच हेतु संचालित हो रही मशीनों को देखा। अवगत कराया गया कि सीटी स्कैन मशीन से प्रतिदिन 25 से 30 मरीजों की जाँच कर 5 मिनट के अंदर ही रिपोर्ट साथ में दी जाती है। लेकिन जांचों की स्थिति सीएम डैशबोर्ड पर अपडेट नहीं की जा रही है। वहीं एक्सरे विभाग में 4 में से 3 मशीन सक्रिय मिली। बैटरी खराब होने से एक मशीन बंद थी। अवगत कराया गया कि प्रतिदिन सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक लगभग 400 डिजिटल एक्सरे किये जा रहे हैं। अल्ट्रासाउंड मशीन से होने वाली जाँच का रजिस्टर चेक किया। 3 मशीनें होने के बावजूद महीने में केवल 35 से 40 ही जांच की जा रही थी। मण्डलायुक्त महोदया ने मानक से कम जाँच होने पर नाराजगी जताई और जांचों की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि जाँच कराने आ रहे मरीज खाली हाथ वापस नहीं लौटने चाहिए। सभी की अल्ट्रासाउंड जाँच हो।
निरीक्षण के दौरान एक तीमारदार युवक ने मण्डलायुक्त से शिकायत की कि पिछले कई दिनों से अपने मरीज का इलाज कराने हेतु अस्पताल आ रहे हैं लेकिन पर्चे पर चिकित्सक द्वारा जो दवाइयाँ लिखी जा रही हैं, एक-दो को छोड़कर बाकी दवाई अस्पताल से नहीं मिल रही हैं। जब इस बारे में मौके पर मौजूद सीएमएस और चिकित्सक से पूछा गया तो वह संतोषजनक जबाव न दे सके। उन्होंने सीएमएस एवं चिकित्सक लिखित में चेतावनी जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सक पर्चे पर वही दवाई लिखें जो अस्पताल में मौजूद हैं। पीकू और सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण करते हुए मरीजों से बातचीत की। समुचित इलाज, सफाई व्यवस्था और कूलर-पंखें इत्यादि सभी सुविधाएं देखने को मिली। जर्नल वार्ड और सर्जिकल वार्ड में हाल ही में ऑपरेट हुए मरीजों से पूछा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई असुविधा तो नहीं हुई। निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त को मेडिको लीगल में मिल रही शिकायतों को लेकर निर्देश दिये कि भविष्य में शिकायतें न आयें और न ही गलत आख्या न लगाई जाए। किसी का शोषण न हो यह भी ध्यान रखा जाए।
इसके बाद मण्डलायुक्त ने पुलिस लाइन के पीछे बन रहे ट्रांजिट हॉस्टल का निरीक्षण किया। संबंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि ट्रांजिट हॉस्टल में चार टावर बना रहे हैं। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2023 में 2 महीने की देरी से शुरू हुआ था। निर्देश दिये कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखा जाए। दो टॉवर ए और बी का निर्माण कार्य मार्च 2025 तक पूरा किया जाए। इसके बाद सेतु निगम द्वारा एन एच 2 से एन एच 3 को जोड़ने के लिए रूनकता से रोहता मार्ग पर बनाए जा रहे 800 मीटर लंबे फोरलेन ऊपरिगामी सेतु का निरीक्षण किया गया। निर्देश दिये गए कि 15 अगस्त तक सेतु निर्माण का कार्य पूर्ण, पिलर की फिनिशिंग एवं पेंटिंग के साथ सर्विस रोड़ बनाये जाने का काम भी पूर्ण करते हुए प्रथम फेज टू लेन सेतु और सर्विस रोड़ को आम जनमानस के यातायात हेतु उपलब्ध करा दिया जायें। दूसरे चरण में टू लेन का अवशेष कार्य 31 दिसंबर तक पूर्ण करा लिया जाये। दोनों निर्माणाधीन कार्यों की थर्ड पार्टी से जाँच भी करा ली जाए। इसके अलावा अन्य निर्माणाधीन एन एच 2 पर हीरालाल प्याऊ से पनवारी मार्ग पर निर्माणाधीन उपरिगामी सेतु का कार्य जनवरी 2025 तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए।
इस मौके पर जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी, सीएमएस राजेन्द्र कुमार, सेतु निगम के परियोजना प्रबन्धक आर बी दिवाकर और महाप्रबन्धक वेदप्रकाश, पीडब्लूडी मुख्य अभियन्ता एन के यादव एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।