आगरालीक्स…मैंने बहुत एनकाउंटर किए हैं, इसका पश्चाताप कैसे करूं….प्रेमानंद महाराज से पुलिस अफसर ने किया सवाल तो महाराज ने दिया ये जवाब
महाराज जी मैं पुलिस में थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में तैनात हूं. मैंने अपनी नौकरी में बहुत एनकाउंटर किए, जिसमें मुझे बहुत सम्मानों से सम्मानित भी किया गया तथा राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला. पिछले 22 सजनवरी को बदमाशों में मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी. लेकिन प्रभु कृपा से बच गया. लेकिन अब मन अशांत है. एनकाउंटर का पश्चाताप कैसे करूं. मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या बिल्कुल ही प्रभु शरण में आ जाउं…
ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसआई मुनेश सिंह ने मशहूर संत प्रेमानंद महाराज से पूछे. आगरा के थाना छत्ता क्षेत्र में रहने वाले मुनेश सिंह करीब डेढ़ साल से मेरठ में तैनात हैं. 22 जनवरी 2024 को उनकी बदमाश के साथ मुठभेड़ हुई, जब गोली उनके सीने में लग गई. इसके बाद इलाज गाजियाबाद के कौशांबी स्थित मैक्स अस्पताल में चला. मुनेश सिंह अपने परिवार के साथ वृंदावन आए थे. जवाब में संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें बताया कि वो प्रभु कैसे पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मनुषष्य जीवन का मूल कर्तव्य भगवत प्रापित है. सांसारिक धर्म निर्वाह के चक्कर में मनुष्य जीवन के मूल कर्तव्य से वंचित हो जाए तो ठीक नहीं. अगर आपका मन आपका साथ दे तो भगवत प्राप्ति के लिए समय निकालिए. इस दौरान उन्होंने कालयवन और मुचकुंद जी का प्रसंग भी सुनाया.
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि अब थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें, ताकि हमारी सेवाओं में जो चूक हुई है वो क्षमा होजाएं. जो पाप हुए हैं वो नष्ट हो जाएं. अगर अगला जन्म भी मिले तो हम देशभक्त बनें, भगवान के भक्त बनें. अब हम मनुश् योनि के नीचे न जाएं. अन्य योनियों के नीचे न जाएं. आधा जीवन तो भारत को दे ही दिया, अब भगवान को दे दीजिए. अपने समाज में रहकर आप रिटायर भी रहेंगे तो जिसकी प्रवृत्ति अच्छी होती है वो समाज में भी अच्छा वातावरण फैलाता है.
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जो फोर्स में जाने वाले हैं नए लड़के, उन्हें गाइड करें. रिटायर होने के बाद भी आप सरकार की सेवा कर सकते हैं. इसके साथ ही नाम जप और भक्ति के द्वारा भगवान की प्राप्ति भी कर सकते हैं. अब जो जीवन बचा है उसे भगवान को दे दीजिए.