आगरालीक्स…आगरा के डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल में धूमधाम से मनाया गया ग्रैंड पेरेन्ट्स डे, छोटे बच्चों ने दी रंगारंग प्रस्तुति.
सिकंदरा स्थित डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के अतुल्य भारत कल्चर सेंटर में ग्रैंड पेरेन्ट्स डे बड़े ही उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान गणेश के समक्ष दीप प्रज्जवलित व उनकी स्तुति कर किया गया। छोटे बच्चों ने गणेश वन्दना प्रस्तुत कर अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। स्कूल की प्रधानाचार्या राखी जैन ने संस्थान के अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत व अभिनंदन किया।
विद्यार्थियों ने दादा-दादी और नाना-नानी के सम्मान में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी, जिसमें उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से बताया कि दादा-दादी और नाना-नानी एक छायादार वृक्ष की तरह होते हैं, जिनके प्यार की छाया में हम सभी पल्लवित होते है ग्रैंड पेरेन्ट्स बहुत धैर्यशाली और प्रभावशाली अभिभावक है वे जिस चारित्रिक, नैतिक और मानवीय मूल्यों की मिशाल पेश करते है व हम सभी के जीवन अमूल्य निधि है ।
संस्थान के अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने मनुस्मृति के एक श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे वरिष्ठजन परिवार की जड़ें है बहुत अनुभवी और बुद्धिमान होने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों के जीवन के मार्ग को सशक्त और विकसित करने में मदद करते है तथा देश के आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। वर्तमान समय में भी बच्चों के पालन पोषण में दादा-दादी की अहम भूमिका है। परिवार और संस्कृति की जड़ों से जुड़े होने के कारण वे परिस्थितियों को नियंत्रित करने और अपनी बुद्धिमता से भावी पीढ़ीयों को लाभ पहुँचाने में माहिर होते हैं।
सभागार में उपस्थित सभी ग्रैंड पेरेन्ट्स ने कार्यक्रम का पूरी तरह से आनंद लिया तथा बच्चों की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या राखी जैन ने उपस्थित अतिथियों व अभिभावकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि दादा-दादी द्वारा सिखाए गए जीवन के सबक किसी भी पुस्तक को पढ़कर या किसी कक्षा में पढ़कर नहीं सीखे जा सकते, ये तो ज्ञान के वे अमृत-स्रोत है जो जीवनभर बच्चे की ज्ञान पिपासा को शांत करते हैं तथा उनके जीवन को प्रेम और सौहार्द के माधुर्य से भर देते हैं। माता-पिता ही वे कड़ी हैं। जो पोता-पोती और दादा-दादी के बीच संबंधों को मधुर एवं सुदृढ़ बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए यदि माता पिता चाहते है कि उनकी वृद्वावस्था में उन्हें भी सम्मान व प्यार मिले तो उन्हें अपने बुजुर्गों को सम्मान देना होगा और अपने बच्चों को भी दादा-दादी या नाना-नानी के प्रति आदर और सम्मान का भाव सिखाना होगा।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक्स एच.एल. गुप्ता, डीन एडमिनिस्ट्रेशन चंद्रशेखर, शिक्षिका रिचा कुलश्रेष्ठ चरंजीत कौर, रिंपी कक्कड, किंजल जैन, दीपा शर्मा, पूजा शर्मा, यशी कौशिक, रिचा जसूजा, पूजा सिंह, संध्या रावत, दिव्या खंडेलवाल, दिया जैन, प्राची यादव, रेनू मखीजा, काव्या सिंह, अंकित कुमार उपस्थित रहे। मंच का संचालन छात्र आरव सिंह और शिवि गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का सम राष्ट्रगान के साथ हुआ।