आगरालीक्स…दीपावली पर शुरू हो रहा ऐतिहासिक बटेश्वर मेला. ऊंट और घोड़े पहुंचे. खरीद फरोख्त भी हुई शुरू. 25 हजार से 3 लाख तक की कीमत के मिल रहे घोड़े..जानिए इनकी खासियत
बटेश्वर मेला 29 अक्टूबर से शुरू होगा। मेला शुरू होने से 4 दिन पहले ही घोड़े-घोड़ियों की खूबी और खूबसूरती के आधार पर खरीद फरोख्त शुरू हो गई है। अभी तक मेले में 25 हजार से 3 लाख रुपये की कीमत तक के नकुली, पंजाबी, अबलक घोड़े-घोड़ी मेले में पहुंचे हैं। खूबसूरती, चाल, चपलता और नाच के आधार पर कीमतें तय हो रही हैं। बदांयू के बब्बू के नकुली घोड़े की कीमत 3 लाख रुपये है। 15 महीने के नकुली घोड़े के अभी दांत नहीं निकले हैं। चाल और नाच में माहिर घोड़े के 2.30 लाख रुपये तक के मेले में खरीददार मौजूद हैं। औरैया के सुधीर के घोड़े की दौड़ के पारखी कायल हैं। उन्होंने घोड़े की कीमत 1.50 लाख रुपये रखी है। 90 हजार तक के खरीददार मौजूद हैं। भले ही मेला शुरू नहीं हुआ है। लेकिन घोड़े-घोड़ियों की बिक्री शुरू हो गई है। बरेली के राजकुमार ने 75 और 1.10 लाख रुपये के दो घोड़े खरीदे हैं। उन्हें वापसी के लिए पशु रजिस्ट्रेशन शुरू होने का इंतजार है।

व्यवस्थाओं की मांग
ऊंटों का मेला भी आबाद होने लगा है। लेकिन मेले में जिला पंचायत ने अभी तक पानी का इंतजाम नहीं किया है। लाइटें लगवा दी हैं। लेकिन फिर भी व्यापारी और किसान अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। मांडवा के अर्जुन सिंह 20 ऊंट लेकर तथा इरादत नगर के पूरन सिंह आदि 8 ऊंट लेकर बटेश्वर मेले में पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में पानी और प्रकाश तक का इंतजाम नहीं है। निजी नलकूपों से खरीद कर ऊंट और अपनी प्यास बुझा रहे हैं। मुजफ्फर नगर के कादिर घोड़े लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि मेले में कोई भी इंतजाम नहीं है। मेला की तिथियों का प्रचार प्रसार किया होता तो समय से पहले नहीं आते। अंबाह के रामेश्वर और विमल दो दिन से मेले में डटे हैं। लेकिन पानी, बिजली और सुरक्षा का इंतजाम न होने से गुस्से में दिखे। बोले मेले की तिथियों का प्रचार किया होता तो समय पर आते। घोड़ों के लिए दाने और चारे की समस्या भी है। मेला प्रभारी देवेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रकाश का इंतजाम हो गया है। लाइटें लगवा दी हैं। पानी के हौजों की मरम्मत हो गई है। टंकियां चालू करवा कर पानी की व्यवस्था की जाएगी। तब तक ठेकेदार के माध्यम से टेंकर से सप्लाई का प्रयास किया जा रहा है।