आगरालीक्स…उदयातिथि के साथ 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति. ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा से जानें इस पर्व पर दान का महत्व और पूजा करने के उपाय…
मकर संक्रांति की तिथि को लेकर हिंदू पंचांग में मतभेद हैं. मकर संक्रोति का पर्व सूर्य के राशि परिवर्तन के मौके पर मनाया जाता हे. इस दिन सूर्यदेव धुन राशि से निकलकर मकर में प्रवेश कर जाते हैं. सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति कहलाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार कई दशकों से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है. इस बार मकर संक्रांति की तिथि को लेकर संशय बना हुआ है. ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी की रात को 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे. ऐसे में उदया तिथि 15 जनवरी को होगी जिसके कारण मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी.
ज्योतिषाचार्य आशिमा शर्मा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन नदी में स्नान के बाद काला तिल, गुड़ और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अघ्र्य दें. मकर संक्रांति के दिन पानी में काला तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करने से सूर्य की कृपा होती है और कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं. ऐसेा करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा मिलती है, क्योंकि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर में प्रवेश करते हैं. इस दिन खिचड़ी और गुड़ के दान का बड़ा महत्व है. मकर संक्रांति के दिन तिल का विशेष महत्व है. इस दिन तिल का दान से पुूण्य की प्राप्ति होती है. तिल का दान से शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इसी प्रकार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करना भी शुभ माना जाता है. चावल में काली उड़द की दाल मिलाकर दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही कुंडली में मौजूद शनि दोष का दुष्प्रभाव कम होता है. मकर संक्रांति पर गुड़ दान करने से सूर्यदेव, शनिदेव के साथ गुरु बृहस्पति भी प्रसन्न होते हैं.