आगरालीक्स…नए साल पर श्री वरद वल्लभा महागणपति देंगे भव्य फूल बंगले में दर्शन.भक्त ले सकेंगे पूरे दिन आराध्या के दर्शन का लाभ, सायंकाल होगी महा आरती
उत्तर भारत का एकमात्र दक्षिण भारतीय पद्धति से बना श्री वरद वल्लभा महागणपति जी के मंदिर में नए साल पर दिव्य और भव्य दर्शन का आनंद उत्सव मनाया जाएगा। बुधवार को नए साल के आगमन के उपलक्ष्य में सुबह मंगला आरती के साथ जलेसर फिरोजाबाद रोड स्थित मंदिर में श्री वरद वल्लभा महागणपति जी के फूल बंगले में दर्शन होंगे। मंदिर प्रबंधक नितिन शर्मा ने बताया कि पूरे मंदिर परिसर को विशेष कर दिल्ली से मंगाए गए विदेशी फूलों से सुसज्जित किया जाएगा।
उन्होंने बताया की प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक श्री महागणपति जी के अलौकिक स्वर्ण श्रृंगार एवं फूल बंगला दर्शन का लाभ भक्त ले सकेंगे।
महागणपति जी का स्वर्ण आभूषणों से विशेष कर श्रृंगार किया जाएगा। गुलाब के विभिन्न रंगों के पुष्पों से पूरे परिसर को सजाया जाएगा। मंदिर के मुख्य पुजारी लखन दीक्षित ने बताया की अंग्रेजी कैलेंडर के नववर्ष का शुभारंभ बुधवार से होने जा रहा है। नए साल पर मंगल करता विघ्नहर्ता गणपति जी के दर्शन का लाभ प्राप्त करने से पूरे वर्ष जीवन में अमंगल का प्रवेश नहीं होता। इस दिन प्रतिवर्ष सैकड़ो श्रद्धालु आराध्या के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं। पूरे दिन मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रसादी का वितरण किया जाएगा। प्रसादी विशेष कर मंदिर परिसर में बनी रसोई में ही तैयार की जाती है। प्रतिदिन यहां भोग में लगने वाले मोदक के लड्डू भी मंदिर की रसोई में ही तैयार किए जाते हैं। मंदिर में बाजार के बने प्रसाद का प्रवेश निषेध है। श्रद्धालु अपने घर से शुद्धता में बने प्रसाद को लेकर भोग लगाने आ सकते हैं। पूरे दिन दर्शन के बाद सायं कल 6:30 बजे महा गणपति जी की महा आरती की जाएगी।
बता दें कि आगरा में दक्षिण भारतीय शैली में विघ्न विनाशक भगवान गणेश का अष्टकोणीय मंदिर 12 वर्षों की अथक साधना के बाद बना था। जैसलमेर पीले पत्थर से भव्य मंदिर की शोभा अद्वितीय है।
पद्मश्री पेरूमल सत्पति द्वारा एक वर्ष में बनाई गई वरद वल्लभा गणपति की प्रतिमा मंदिर में स्थापित है। ब्लू ग्रेनाइट के एक पत्थर से बनी प्रतिमा चार फुट ऊंची और तीन टन वजनी है।