आगरालीक्स…पपीता पेट साफ करता है… इससे वजन कम होता है… वगैरह—वगैरह। हम आपसे पपीते का बखान नहीं करेंगे बल्कि 20 साल से पपीता बेच रहे हीरा से सुनें लोग इसकी शान में क्या—क्या कसीदे पढ़ते हैं, सिकंदरा और सदर ही नहीं राजस्थान तक से दीवानी चौराहे पर पपीता खाने आते हैं इसके दीवाने
अगर आप भी कभी किसी काम से दीवानी चौराहे गए हों या यहां से गुजरे हों तो शायद ही ऐसा हो कि आपने हीरा से पपीता न खाया हो। हीरा यहां 20 साल से पपीता बेच रहे हैं और उनसे पहले उनके पिताजी इसी स्थान पर यही काम किया करते थे। हीरा का दावा है कि इस काम को बचपने से देखते—देखते फिर 15 साल की आयु से करते—करते अब इतना अभ्यास हो चुका है कि वे बाहर से देखकर ही समझ जाते हैं यह फल भीतर से कैसा निकलेगा। हीरा से उनके अनुभवों पर हमने बात की। पता लगा कि पपीते के शौकीन यहां अलग—अलग कारणों से ही नहीं आते बल्कि बहुत दूर—दूर से भी आते हैं। एक सज्जन सिकंदरा से हर रोज हीरा से पपीते की चाट बनवाकर खाने आते हैं।
इसी तरह एक सज्जन सदर के हैं जो प्रतिदिन यहां आकर पपीता खाते हैं। और तो और हीरा ने बताया कि उनके एक ग्राहक राजस्थान के भी हैं लेकिन वे प्रतिदिन तो नहीं आ सकते। वे जब भी अपने काम से आगरा आते हैं तो जितने दिन भी यहां ठहरते हैं उनके पास आकर पपीता जरूर खाते हैं। हीरा ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो प्रतिदिन पपीता खाते हैं जबकि इससे अधिक संख्या में वे लोग हैं जिन्हें बीमार पड़ने या पेट खराब होने पर ही पपीता याद आता है। इसके अलावा कम उम्र के लोग पपीता खाना कम पसंद करते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय में नौजवानों में पपीता खाने की आदत बढ़ी है। शायद इसकी वजह है कि लोग स्वास्थ्य के प्रति सचेते हुए हैं।
उनके पास आने वालों में अधिकांशत: नौकरीपेशा लोग हैं। दीवानी के नजदीक काम करने की वजह से बड़ी संख्या पुलिस और वकालत के प्रोफेशन से जुड़े लोग जबकि नगर निगम, जल निगम जैसे सरकारी दफ्तर, संजय—प्लेस, खंदारी जैसे व्यवसायिक स्थल और एमजी रोड, चर्च रोड पर कुछ अस्पताल व डॉक्टरों के क्लीनिक होने के कारण काफी संख्या में लोग इस फल को खाने और खरीदने आते हैं। हीरा बताते हैं कि ऐसा बहुत कम ही होता है कि इसको खाने आने वाले लोग इसकी महिमा का बखान न करते हों। पपीते के बहुत सारे फायदों के बारे में तो खुद उन्हें भी लोगों की बातें सुन—सुनकर ही पता लगा है। वे कोई एक्सपर्ट तो नहीं हैं लेकिन विद्वानों की बातें सुनते—सुनते उन्हें भी काफी सारी खूबियां पता चल गई हैं। लोग जब बातें करते हैं तो आम तौर पर वे उसमें पपीते से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है…, वजन कम होता है…, आंखों की रोशनी बढ़ती है…, पाचन तंत्र ठीक रहता है
… यह स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है वगैरह—वगैरह इस तरह की बातें ही शामिल होती हैं। हीरा ने बताया कि आगरा में पपीते का बड़ा आयात महाराष्ट्र और गुजरात से है जबकि इसके पेड़ को उगाना और घर का पका फल खाना भी कोई बहुत मुश्किल नहीं है। कोई भी व्यक्ति जिसके घर में थोड़ी भी जगह है इसकी खेती आसानी से कर सकता है। एक पेड़ तो कहीं भी लगाया जा सकता है।