Agra News: Ravana worshiped Shiva and Kanya in Agra, said- respect women…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में रावण ने भी किया मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा. दशहरा पर सारस्वत ब्राह्मणों ने शिव पूजन और कन्या पूजन कर कहा—नारी का करें सम्मान
आगरा में दशहरा पर्व पर रावण के वेश में सारस्वत ब्राह्मणों ने शिव पूजन और कन्या पूजन कर लोगों को नारी सम्मान के लिए जागरूक किया और रावण को प्रकांड बुद्धिमान पंडित,संगीत बिशारद,महातेजस्वी, प्रतापी,पराक्रमी,महान शिवभक्त,शिव तांडव स्त्रोत के रचयिता लंकापति दशानन महाराज मानते हुए उनका भी पूजन और जयकार की।लंकापति दशानन ने खुद युद्ध से पहले भगवान राम को विजय का आशीर्वाद दिया था प्रकांड बुद्धिमान पंडित,संगीत बिशारद,महातेजस्वी, प्रतापी,पराक्रमी,महान शिवभक्त,शिव तांडव स्त्रोत के रचयिता लंकापति दशानन महाराज की अर्चना कर लोगों को रावण दहन न करके अपने अंदर के अहंकार के दहन करने के लिए जागरूक करते हैं।मंगलवार को विजयदशमी के अवसर पर आगरा के आवास विकास कालोनी पर भगवान शिव के साथ लंकापति रावण का पूजन,हवन और आरती की गयी।इस दौरान रावण का वेश धरकर सारस्वत ब्राह्मण डॉ मदन मोहन शर्मा ने कन्या पूजन कर लोगों को नारी सम्मान के लिए जागरूक किया।उन्होंने कहा कि अगर लोग महाराज प्रकांड विद्वान रावण के बारे में जानेंगे तो वो कभी भी किसी का अहित और किसी भी तरह का गलत काम नहीं कर सकेंगे।
शिव तांडव स्रोत के साथ हुआ कन्या पूजन
मंगलवार को विजय दशमी के अवसर पर डॉ मदन मोहन शर्मा और समिति के अन्य सदस्यों द्वारा आवास विकास कालोनी में भगवान शिव और महान पंडित रावण की पूजा अर्चना की गई। रावण के वेश में डॉ मदन मोहन शर्मा सारस्वत द्वारा भगवान शिव का पूजन कर रामयुग की याद दिलाई गई। इसके बाद रावण वेश में आवास विकास में रह रही कन्याओं का पूजन कर समाज को नारी सम्मान की प्रेरणा देते हुए जागरूक किया गया। शिव तांडव स्रोत और लंकापति रावण की जयजयकार से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया
खुद को रावण का वंशज मानता है सारस्वत ब्राह्मण समाज
सारस्वत ब्राह्मण लंकापति रावण का वंशज हैं।सारस्वत समाज के उमाकांत सारस्वत एडवोकेट लंकेश दीपक सारस्वत,लंकेश सारस्वत निक्की भगत ने बताया की लंकापति रावण भगवान श्री राम को प्रिय थे।भगवान राम जानते थे कि बिना लंकापति की अनुमति के लंका विजय नहीं हो पाएगी।इसी कारण रामेश्वरम पर महान पंडित रावण को बुलाकर उनसे भगवान शिव का पूजन करवाया और उनसे विजय का आशीर्वाद लिया। डॉ मदन मोहन शर्मा सारस्वत ने कहा कि भगवान राम ने रामेश्वरम की स्थापना स्वयं रावण से कराई थी और लंका पर विजय का आशीर्वाद लिया था।उस समय रावण स्वयं सीताजी को अपने साथ यज्ञ में लेकर आए थे।रावण जैैसे प्रकांड विद्वान का पुतला दहन करना भगवान श्रीराम का अपमान है।
पूजा मे प्रमुख रूप से उमाकांत सारस्वत एडवोकेट अध्यक्ष,डॉ मदन मोहन शर्मा सयोजक,लंकेश दीपक सारस्वत,निक्की भगत,लंकेश सारस्वत,नकुल सारस्वत,रवि सारस्वत, अमित सारस्वत,अंबिका सारस्वत,उमा शर्मा, कमलेश सारस्वत,मुन्नी देवी,सुषमा सारस्वत, अरुण श्रीवास्तव,शालिनी श्रीवास्तव,गब्बर राजपूत, आश्वी सारस्वत,पावनी सारस्वत,आरोही शर्मा,काजल,नवीन, गीता,शंकर,गौरी,सारांश सारस्वत,समर्थ सारस्वत,मयंक सिंघल, सार्थक सारस्वत,उदित सिंघल,मनीष शर्मा,प्रथम सिंह शामिल हुए और अंत में सभी को प्रसाद का वितरण किया गया।