Agra News: Remembered Pandit Deendayal Upadhyay on his death anniversary at Dr. Bhimrao Ambedkar University…#agranews
आगरालीक्स..एकात्म मानव दर्शन को ठीक से समझना है तो पं. दीनदयाल उपाध्याय को समझें. आंबेडकर विवि में मनाई पंडित जी की पुण्यतिथि
‘एकात्म मानव दर्शन’ को ठीक से समझने के लिए उसके दृष्टा पं. दीनदयाल उपाध्याय जी को समझना नितान्त आवश्यक है। यह वक्तव्य डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी ने विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में पंडित जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि स्वरुप कहा। उन्होंने कहा जिन परिस्थितियों में पंडित जी ने जीवन अनुभव प्राप्त किया, जिन संस्कारों ने उन परिस्थितियों को देखने, समझने व झेलने की दृष्टि दी तथा उससे जनमानस के लिए सहानुभूति चिंतन के विकास क्रम को समझने से ही एकात्म मानव दर्शन को समझना सम्भव होगा।
इससे पूर्व कुलपति प्रोफ. आशु रानी, कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह, सहायक कुलसचिव पवन कुमार ने परिसर में स्थित पंडित जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किये। उसके बाद पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्वांजलि सभा का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डा. मनोज कुमार सिंह ने कहा पण्डित दीनदयाल जी ‘संघात्माकता’ को मौलिक एवं भयानक भूल मानते थे। जब 1954-55 में देश संघात्माकता को बुन रहा था तथा राज्यों का पुनर्गठन हो रहा था। पुनर्गठन की इस प्रक्रिया में दीनदयाल जी शिददत से शामिल हुए और उन्होने पुनः-पुनः ‘एकात्म एवं जनपद स्तर पर विकेंद्रित शासन’ की माँग की।
कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने पण्डित जी को श्रद्वांजलि देते हुए कहा कि आज के समय की नितान्त आवश्यकता है कि हम आधुनिक आर्थिक समस्याओं को समझें और उनको सुलझाने में जितना संभव हो हाथ बढाएं।
श्रद्वांजलि सभा का संचालन संस्थान के प्रवक्ता डा॰ आयुष मंगल ने किया। सभा के अन्त में सभी को डा॰ आभा सिंह ने घन्यवाद ज्ञापित किया। श्रद्वांजलि सभा में प्रो. मोहम्मद अरशद, प्रो. अनिल वर्मा, प्रो. रनवीर सिंह, डा. राजेश कुशवाह, डा. मो. हुसैन, डा. वर्षा गोयल ने भी अपने-अपने विचार रखें। श्रद्वांजलि सभा में संस्थान के छात्र अवनीश दुबे, आयुष कुमार शुक्ला, फरहीन नाज, आदित्य नारायण, विश्वविद्यालय के अभियन्ता हरीमोहन शर्मा , स्टोर इन्चार्ज राजेन्द्र कुमार, शशांक श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।