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Agra news: Shradh Paksha from tomorrow: Satisfying the ancestors gives freedom from Pitr Dosh and sins
आगरालीक्स… पितरों के प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने का पुण्य पर्व पितृ पक्ष 10 से 25 सितंबर तक है। पितृ दोष व पापों से मुक्ति समेत जानिये विविध जानकारी।
श्राद्ध करने से कुंडली का पितृ दोष दूर होता है
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान, गुरु रत्न भंडारा के ज्योतिषाचार्य पंडित ह्रदय रंजन शर्मा बताते हैं कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन प्रातः सूर्योदय 06:25 , 10 सितंबर से अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या 25 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष रहेगा। श्राद्ध पक्ष में पितरों श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में व्याप्त पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
तिथि ज्ञात नहीं होने पर अमवस्या को करें
माता पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो तो वह व्यक्ति पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन विधिपूर्वक श्राद्ध कर सकता है या प्रत्येक माह में आने वाली अमावस्या तिथि को दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके जल द्वारा तर्पण किया जा सकता है। इससे पितर तृप्त और सन्तुष्ट होते हैं। पापों से मुक्ति के लिए भी श्राद्ध कर्म करना श्रेष्ठ माना गया है कहते हैं कि जो मनुष्य अपने पूर्वजों का श्राद्ध श्रद्धा पूर्वक नहीं करता या बेमन से करता है उसके द्वारा की गई की गई पूजा पाठ को भगवान भी स्वीकार नहीं करते हैं।
श्राद्ध करते समय नहीं किया जाए दिखावा
श्राद्ध करते समय किसी भी प्रकार का दिखावा या आडंबर नहीं करना चाहिए व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही श्राद्ध में दान आदि करना उचित है धन के अभाव में घर में निर्मित खाद्य पदार्थ को अग्निदेव को समर्पित करके जल से तर्पण करते हुए गौ माता को खिलाकर भी श्राद्ध कर्म पूरा किया जा सकता है।
पितृ पक्ष में जन्मदिन वाले दिन श्राद्ध न करें
पितृ कार्य के लिए दोपहर का समय सर्वोत्तम समय समझा जाता है क्योंकि पित्रों के लिए मध्यान दोपहर ही भोजन कासर्वोत्तम समय है पूर्वाहन में सॉयकाल रात्रि चतुर्दशी तिथि और परिवार में किसी सदस्य या स्वयं के जन्मदिन के दिन श्राद्ध कभी नहीं करना चाहिए ब्राह्मण भोजन से पहले पंचवली यानी गाय, कुत्ता कौआ ,देवता और चीटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते या दोंने में अवश्य निकालें जिस घर में पितरों का श्राद्ध होता है उनके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं घर परिवार, व्यवसाय तथा आजीविका में उन्नति होती।
♦ इस वर्ष श्राद्ध की तिथियां
🌺 पूर्णिमा शुक्रवार यानी 09 सितंबर 2022 को सांय 06:07 से प्रारंभ है और 10 सितंबर शनिवार की दोपहर 03: 28 तक रहेगी। श्राद्ध मध्यान्ह का विषय है। अतः पूर्णिमा का श्राद्ध 10 सितंबर, को ही माना जाएगा।
⭐प्रतिपदा श्राद्ध। 11 सितंबर
⭐द्वितीया श्राद्ध। 12 सितंबर
⭐तृतीय श्राद्ध। 13 सितंबर
⭐चतुर्थी श्राद्ध। 14 सितंबर
⭐पंचमी श्राद्ध। 15 सितंबर
⭐षष्ठी श्राद्ध 16 सितंबर
⭐सप्तमी श्राद्ध 17 सितंबर
⭐अष्टमी श्राद्ध। 18 सितंबर
⭐मातृ नवमी। 19 सितंबर
⭐दशमी श्राद्ध। 20 सितंबर
⭐एकादशी श्राद्ध। 21 सितंबर
⭐द्वादशी श्राद्ध। 22 सितंबर
⭐त्रयोदशी श्राद्ध 23 सितंबर
⭐चतुर्दशी श्राद्ध। 24 सितंबर शस्त्र आदि सेमृतव्यक्तियोंका
⭐ पितृ विसर्जन 25 सितंबर सर्वपितृ अज्ञात तिथि वालों का श्राद्ध