आगरालीक्स…आगरा के एसएन में चार महीने की बच्ची श्रुति की हुई सफल सर्जरी. कटे हुए हांठ और तालू के साथ पैदा हुई थी ये बच्ची. दूध नहीं पी पाती थी…इन डॉक्टरों ने की सफल सर्जरी
एसएन मेडिकल कॉलेज में कटे हुए होंठ एवं तालु के साथ पैदा हुए बच्चे का सफलतापूर्वक सर्जरी द्वारा इलाज किया गया है। इसका संपूर्ण इलाज मौजूद है। प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर पुनीत भारद्वाज द्वारा एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में क्लेफ्ट लिप की सर्जरी की गई। लेफ्ट लिप एवं क्लिप पलेट के कारण बच्चों को दूध पीने में परेशानी होती है और बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पाता है। चार माह की बच्ची श्रुति, एसएन मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के लिए भर्ती हुई। मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया तथा मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रशांत गुप्ता के मार्गदर्शन में और सर्जरी विभाग अध्यक्ष डॉ प्रशांत लवानिया की देखरेख में यह सर्जरी संपन्न हुई। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में क्लेफ्ट लिप एवं क्लेफ्ट पलेट वाले बच्चों की सर्जरी की जाती है, जिसका लाभ आगरा एवं आसपास के मरीजों को मिल रहा है। टीम में डॉ प्रीति, मीनाक्षी, डॉ ऋषभ एवं डॉ विशाल का सहयोग रहा। एनेस्थीसिया विभाग की डॉ दीपिका ,डॉ दीपक और डॉ आशीष का विशेष योगदान रहा।
फटे होंठ और फटे तालु के कारण कई समस्याएं हो सकती हैं
दूध पिलाने में कठिनाई – फटे होंठ और तालू वाला बच्चा स्तनपान करने या सामान्य बोतल से दूध पीने में असमर्थ हो सकता है, क्योंकि वे अपने मुंह को अच्छी तरह से बंद नहीं कर पाते हैं।
सुनने की समस्याएँ – फांक तालु वाले कुछ बच्चे कान के संक्रमण और कानों में तरल पदार्थ के जमाव (ग्लू इयर) के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं , जो उनकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
जबड़ों एवं दांतों की समस्याएँ – फटे होंठ और तालू का मतलब हो सकता है कि बच्चे के दांत सही ढंग से विकसित नहीं हुए हैं और उन्हें दांतों की सड़न का अधिक खतरा हो सकता है उनके ऊपर का जबड़ा ठीक प्रकार से विकसित नहीं हो पाता है।
बोलने में समस्याएँ – यदि फांक तालु की मरम्मत नहीं की जाती है, तो इससे बच्चे के बड़े होने पर बोलने में समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे अस्पष्ट या नाक से बोलने जैसी आवाज़ आना। इनमें से अधिकांश समस्याएं सर्जरी के बाद तथा वाणी एवं भाषा चिकित्सा जैसे उपचारों से ठीक हो जाएंगी।
फटे होंठ और तालु के कारण
फांक होंठ या तालु तब होता है जब गर्भ में शिशु के विकास के दौरान ऊपरी होंठ या तालु बनाने वाली संरचनाएं आपस में जुड़ने में विफल हो जाती हैं।
कुछ शिशुओं के साथ ऐसा क्यों होता है, इसका सटीक कारण अक्सर अस्पष्ट होता है।
कुछ मामलों में, फटे होंठ और तालु का संबंध निम्न से होता है:
वे जीन जो एक बच्चे को अपने माता-पिता से विरासत में मिलते हैं
गर्भावस्था में धूम्रपान या शराब पीना
गर्भावस्था के दौरान मोटापा
गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड की कमी आदिl
फटे होंठ और तालु के लिए उपचार
कटे होंठ और कटे तालु का उपचार विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है।
आपके बच्चे के लिए आमतौर पर एक दीर्घकालिक देखभाल योजना होगी, जिसमें उन उपचारों और मूल्यांकनों का विवरण होगा जिनकी उन्हें बड़े होने पर आवश्यकता होगी।
मुख्य उपचार हैं:
सर्जरी – फांक होंठ को ठीक करने के लिए ऑपरेशन आमतौर पर तब किया जाता है जब आपका बच्चा 3 से 6 महीने का होता है और फांक तालु को ठीक करने के लिए ऑपरेशन आमतौर पर 6 से 12 महीने में किया जाता है
दूध पिलाने में सहायता – आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने में मदद करने के लिए उसे अपने स्तन पर रखने के बारे में सलाह की आवश्यकता हो सकती है, या आपको उसे एक विशेष प्रकार की बोतल का उपयोग करके दूध पिलाने की आवश्यकता हो सकती है।
सुनने की क्षमता की निगरानी – फांक तालु के साथ पैदा हुए बच्चे में ग्लू इयर होने की संभावना अधिक होती है, जो सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। उनकी सुनने की क्षमता की बारीकी से निगरानी करना महत्वपूर्ण है और यदि ग्लू इयर उनकी सुनने की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है, तो सुनने की सहायता लगाई जा सकती है।
स्पीच थैरेपिस्ट द्वारा द्वारा स्पीच थेरेपी दी जाती है।
अच्छी दंत स्वच्छता और ऑर्थोडोंटिक उपचार – आपको अपने बच्चे के दांतों की देखभाल के बारे में सलाह दी जाएगी , और अगर उनके वयस्क दांत ठीक से नहीं आते हैं या टेढ़े-मेढ़े होते हैं तो उन्हें ऑर्थोडॉन्टिक ट्रीटमेंट से ठीक किया जाता है। लेफ्ट पलेट की वजह से ऊपर का जबड़े की ग्रोथ ठीक प्रकार से नहीं होती है इसके लिए ऑर्थोडॉन्टिक एवं डेंटों फेशियल ऑर्थोपेडिक्स ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है, जिससे चेहरे की विकृति ठीक की जाती है।