Taj Mahal Garden toilet issue: Police stop workers reaches with
Agra News: Supreme Court’s order on the petition of Agra advocate KC Jain. Road safety should be through electronic monitoring in all states…#agranews
आगरालीक्स…आगरा के अधिवक्ता केसी जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश. सभी राज्यों में इलैक्ट्रॉनिक निगरानी से हो सड़क सुरक्षा. जानिए इस आदेश का क्या होगा असर
सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय देते हुए सभी राज्य सरकारों व केन्द्र शासित प्रदेशों को आज निर्देश दिया कि वे उक्त प्राविधानों के अनुरूप इलैक्ट्रोनिक निगरानी व सड़क सुरक्षा को अमल में लायें। यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन द्वारा वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गयी थी जिसमें अनेकों बार सुनवाई के उपरान्त आज सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति अभय एस ओका व न्यायमूर्ति अगस्टीन जाॅर्ज मसी की बेंच ने आज निर्णय किया।
न्यायालय ने न्यायमित्र व वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल, याचिकाकर्ता केसी जैन व एडीशनल साॅलिसिटर जनरल विक्रमजीत बेनर्जी को विस्तार से सुना और याचिका पर आदेश पारित किये। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि धारा 136ए एक बहुत नवीन प्राविधान है जो कि राज्य सरकारों को सड़कों पर अनुशासन सुनिश्चित करने के लिये सहायक है ताकि मोटर वाहन अधिनियम एवं उसकी नियमावली का अनुपालन हो सके। यदि धारा 136ए को लागू किया जाये तो राज्य सरकार की मशीनरी के पास उन वाहनों और व्यक्तियों का डेटा हो जो यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं ताकि जो लोग उल्लंघन कर रहे हैं उन्हें दण्डित किया जा सके।
नियमावली का नियम 167ए को भी केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया है जिसके अन्तर्गत 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 132 शहरों को अधिसूचित किया गया है। न्यायालय ने यह भी कहा कि उनका ध्यान केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त कमेटी के कनसेप्ट पेपर की ओर दिलाया गया और यदि उसके अनुसार यदि आगे कार्यवाही हो तो 2 साल तक धारा 136ए व नियम 167ए के प्राविधान लागू नहीं हो सकेंगे। अतः न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को और केन्द्र शासित प्रदेशों को निदेश दिया कि वे इन प्राविधानों को प्रभावी करने के लिए तुरन्त कदम उठायें। इलैक्ट्रोनिक उपकरण लगाने के उपरान्त सभी राज्य सरकारों को यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया कि वे नियम 167ए के उप नियम (3) का अनुपालन करें जिसमें इलैक्ट्रोनिक उपकरणों से प्राप्त फुटेज के आधार पर 11 उल्लंघनों के सम्बन्ध में इलैक्ट्रोनिक निगरानी करने का प्राविधान है।
न्यायालय द्वारा यह भी निदेश दिया गया कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा न्यायालय के आदेश को राज्य सरकारों को अनुपालन के लिये भेजा जाये। चूंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क सुरक्षा के लिये एक समिति का पहले से ही गठन किया गया है, अतः गठित समिति द्वारा प्राविधानों के अनुपालन की माॅनिटरिंग की जायेगी। आदेश की प्रतिलिपि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडू व केरल की सरकारों को भेजी जाये जिनके द्वारा अनुपालन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की जाये। न्यायमित्र व वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल द्वारा इस सम्बन्ध में अपनी रिपोर्ट 06 दिसम्बर तक प्रस्तुत करने के लिये भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा जिन पर न्यायालय द्वारा 13 दिसम्बर को विचार किया जायेगा।
अधिवक्ता जैन ने आशा व्यक्त की है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए व नियम 167ए के कार्यान्वयन के साथ वाहन चालक अधिक सावधानी से अपने वाहनों को चलाना चाहेंगे और यातायात नियमों के उल्लंघन से बचेंगे अन्यथा उन्हें भारी आर्थिक दण्ड के रूप में कीमत चुकानी होगी। दण्ड का भय वाहन चालकों के मध्य अनुशासन उत्पन्न कर सकेगा और सड़कें सुरक्षित बन सकेंगी। अधिवक्ता जैन के द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर अन्य याचिकाऐं भी दाखिल की गयी हैं जिनकी सुनवाई भी निकट भविष्य में होगी।