आगरालीक्स….आगरा के श्रीमनः कामेश्वर नाथ के डोले में बिखरा लठामार होली का आनंद. गढ़ी ईश्वरा, दिगनेर की गलियां बनीं बरसाना, होली के रसिया की रही धूम
खेलन दे मोय होरी रे रसिया…सखी री मोर मुकुट वारों सांवरिया…खेल फाग अनुराग मुदित जुबती जन देत असीस….होली खेले नटवर नंद किशाेर…जैसे होली के रसिया की धूम थी और बरसाना की लठामार होली की परंपरा का आनंद बरस रहा था गढ़ी ईश्वर, दिगनेर, शमशाबाद रोड की गलियों में। शनिवार को होली के दूज पर श्रीमनः कामेश्वर मंदिर मठ की ओर से दिगनेर में बाबा के होली के डोले का नगर भ्रमण आयोजित किया गया। गुलाल, अबीर और फूलों की बौछार करते हुए बाबा के डोले ने स्थानीय लोगों संग जमकर होली खेली। करीब एक मन फूलों की होली खेली गयी।
श्रीमनः कामेश्वर मंदिर श्रीमहंत योगेश पुरी और मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने होली के रसिया की जब समुधर तान छेड़ी तो ढपली, चंग, मृदंग की की जुगलबंदी ने सभी को तरंगित कर दिया। गांव की गली− गली में बरसाना जैसी हुरियारिनें तैयार थीं। लाज का लंबा घूंघट लेकिन हाथ में हुरियारों को सबक सिखाने को लठ्ठ थामें थीं। जैसे ही नंदगाव के हुरियारे बन युवकों की टोलियां ढालकर लेकर आईं वैसे ही लठ्ठों को लेकर हुरियारिनें सामने आ गयीं। रंग, पानी के साथ कीचड़ की होली से सभी सराबोर हो गए।
इस नयनाभिराम दृश्य के साक्षी बनने के लिए सैंकड़ों लोग घरों की छतों पर घंटों एकत्रित रहे। श्रीमहंत योगेश पुरी ने बताया कि बाबा के डोले का नगर भ्रमण कुशवाह नगर भोले बाबा मंदिर से आरंभ हुआ, जोकि शनिदेव मंदिर, जूनियर स्कूल से होते हुए देवी मंदिर, हनुमान मंदिर, मुख्य बाजार से होते हुए शनिदेव पर सम्पन्न हुआ। डोले के नगर भ्रमण के दौरान ही नौ स्थानों पर लठामार होली के चौक बनाए गए। जहां पर राधाकृष्ण की झांकियों के दर्शन के साथ गुलाल वर्षा में लठामार होली खेली गयी। मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि रविवार को फाग गायन की प्रतियोगिता होगी, जिसमें आसपास के कई गांव के लोग भारतीय संस्कृति संस्कार और प्राचीन परंपरा के लोकगीतों के माध्यम से होली का उत्सव मनाएंगे।