Agra News: The oldest elephant Suzi completes 9 years of independence in Agra…#agranews
आगरालीक्स...इस हथिनी को देखिए, नेत्रहीन है, 60 वर्ष कैद में गुजारे, क्रूरता सही…पिछले 9 साल से जी रही आजादी. जानिए इसकी कहानी और नाम
वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र (ईसीसीसी) में 74 वर्षीय निवासी हथिनी सूज़ी ने आज़ादी के 9वें वर्ष पूरे किए, सूज़ी एक नेत्रहीन पीड़ित हथिनी हैं, जिसके लिए यह आज़ादी का सफ़र आसान नहीं था। सूज़ी की यह स्वतंत्रता की यात्रा हर उस हाथी के लिए आशा की किरण है, जो आज भी दर्द के कारण लोगों को मनोरंजित करने के लिए मजबूर हैं।
आंध्र प्रदेश में सर्कस की कठोर वास्तविकताओं से बचाई गई सूज़ी की कहानी करुणा से भरी हुई है। जीवन के महत्वपूर्ण 60 वर्षों, इस पूर्ण रूप से नेत्रहीन हथिनी ने कैद में गुज़ारे, अकथनीय क्रूरता का सामना किया और लोगों के मनोरंजन के लिए असहनीय पीड़ा और छोटी-छोटी हरकतें करने को मजबूर रही। लेकिन नौ साल पहले, सूज़ी का जीवन हमेशा के लिए बदल गया जब वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम उसकी सहायता के लिए आगे आई और उसे उसके अतीत से मुक्त कराया।
2015 में वाइल्डलाइफ एसओएस के पुनर्वासन केंद्र में पहुंचने के बाद सूजी में उल्लेखनीय शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन आया है। विशेष वृद्धावस्था देखभाल और समर्पित कर्मचारियों और देखभाल करने वालों के ध्यान के साथ, वह सब तरह की बाधाओं को पार करते हुए, हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में मौजूद सभी हाथियों में सबसे उम्रदराज़ हथिनी है।
अपनी बढती उम्र के कारण सूज़ी विशेष देखभाल में है, उसको नियमित रूप से पेडीक्योर और विटामिन की खुराक दी जाती है। वह दोनों आंखों से अंधी है और उसकी देखभाल करने वाले लोग समर्पित रूप से उसके आराम और सुरक्षा को सुनिश्चित करते है।
वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप- निदेशक, डॉ. इलियाराजा, ने बताया, “हाल ही में, हमारे शीतकालीन देखभाल प्रबंधन के रूप में, सूज़ी के उपयुक्त रक्त संचारण में सहायता के लिए उसे गर्म हर्बल तेलों से मालिश भी मिल रही है और उसी के साथ- साथ ही आवश्यक पोषक तत्वों और पूरक आहार से युक्त एक अनुकूलित आहार भी दिया जा रहा है।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “जैसा कि सूज़ी ने अपनी आजादी के 9वें वर्ष पूरे कर लिए हैं, यह वाइल्डलाइफ एसओएस के लिए एक महत्वपूर्ण बात है। 60 साल की कैद के दौरान सूजी के दर्द को समझना मुश्किल है। हमने उसे उस पीड़ा से बचाने के लिए कड़ी मेहनत की है। सूजी आज स्वतंत्रत है, और अब वह प्यार और देखभाल से भरा जीवन जी रही है।”
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “सूजी का जीवन अब करुणा और देखभाल से भरा है। हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में हमारी टीम यह सुनिश्चित करती है कि सूजी की अच्छी तरह से देखभाल की जाए। सूजी को स्वस्थ आहार मिलता है। ताज़ी सब्जियाँ और विशेष रूप से अपने हरे चारे को खाने से वे उसे पहले अपने पैरों पर मार कर उसे साफ़ भी करती है।”
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा, “सूज़ी पूर्ण से नेत्रहीन है एवं उसकी दाढ़ भी नहीं है, यही कारण है कि उसके लिए एक विशेष आहार का पालन किया जाता है। फलों को आसानी से खाने के लिए उसके फलों को गोद कर स्मूदी बनाई जाती है, जिसे हम ‘सूज़ी स्मूदी’ भी कहते हैं।