Agra News: Rajrajeshwar Sahastrabahu Janmotsav procession started with grandeur in
Agra News: The Vanvas Leela took place in the Shri Ram Leela Mahotsav of Shri Mankameshwar, Agra…#agranews
आगरालीक्स…आगरा के श्रीमनकामेश्वर की श्रीराम लीला महोत्सव में श्री राम जी चले वनवास, अयोध्या नगरी सुनी भई…वनवास प्रसंग देख द्रवित हुए श्रद्धालु
सुनु जननी सोई सुत बड़भागी, जो पितु मातु बचन अनुरागी। तनय मातु पितु तोषनिहारा, दुर्लभ जननी सकल संसारा…. मर्यादा पुरुषाेत्तम राम अपने वनगमन से पूर्व व्याकुल माता कौशल्या को समझाते हैं कि मां पुत्र वही है जो माता− पिता के वचनों का अनुरागी है। शनिवार को श्रीमनःकामेश्वर बाल विद्यालय, दिगनेर में चल रहे श्रीराम लीला महोत्सव में जब राम वनवास प्रसंग हुआ तो ये चाैपाई हर श्रद्धालु के लिए संदेश की भांति बन गयी। भगवान राम अयोध्या सुनी करके वन की ओर प्रस्थान करने की लीला प्रसंग ने हर हृदय को द्रवित कर दिया। श्रीमहंत योगेश पुरी और मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने स्वरूपों की आरती उतारी। प्रसंग लीला में मंचन हुआ कि माता कैकई के राजा दशरथ से अपने वचनों में श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास और अपने पुत्र भरत को राजगद्दी सौंपने का वर मांग लिया। अयोध्या नगरी में शाेक छा गया।
पिता दशरथ के वचन का पालन करने के लिए भगवान राम पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ वन जाने लगे। वन गमन के दौरान नगरवासियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की किंतु उनके नहीं मानने पर नगरवासी भी उनके साथ चल दिए को पार करने के लिए भगवान राम केवट की सहायता मांगते हैं, केवट श्रद्धाभाव से श्रीराम, लक्ष्मण व सीता माता को अपनी नाव में नदी पार करवाते हैं। उधर अयोध्या में जब भरत अपनी निनहाल से लौटते हैं और सारा हाल जानते हैं तो अपनी जननी कैकई से सारे रिश्ते तोड़ लेते हैं। एक भाई की व्यथा का चित्रण देख हर आंख भर आती है और लीला प्रसंग का समापन होता है। रविावर को भरत मिलाप, सीता हरण, सुग्रीव मित्रता प्रसंग होंगे।