Agra News: Why is Moon worshiped on Karva Chauth? Know the special importance of Moon in worship…#agranews
आगरालीक्स…करवाचौथ पर क्यों की जाती है चंद्रमा की पूजा. मन का देवता माना जाता है चंद्रमा. जानिए पूजा में चंद्रमा का विशेष महत्व
स्त्रियों के ऐसे अनेक व्रत और त्योहार होते हैं, जिनमें दिन भर उपवास के बाद रात्रि में जब चंद्रमा उदय हो जाता है, तब अर्घ्य देकर तथा विधिवत् उसकी पूजा करने के उपरांत ही वे अन्न-जल ग्रहण करती हैं। सौभाग्य, पुत्र, धन-धान्य, पति की रक्षा एवं संकट टालने के लिए चंद्रमा की पूजा की जाती है। करवाचौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने अखंड सुहाग और पति के स्वस्थ व दीर्घायु होने की मंगल कामना हेतु करती हैं।
छांदोग्य उपनिषद् के चौथा प्रपाठक : बारहवें खंड में कहा गया है कि जो चंद्रमा में पुरुष रूपी ब्रह्म को इस प्रकार जानकर उसकी उपासना करता है, वह उज्ज्वल जीवन व्यतीत करता है, उसके सारे कष्ट दूर होते हैं, सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं। वह लंबी और पूर्ण आयु पाता है। उसके वंशज भी इसी फल को पाते हैं। मैं उन प्राणियों की इस लोक और उस लोक (परलोक) में रक्षा करता हूं, ऐसा अग्निदेव का उपदेश है।
चंद्रमा मन का देवता है और मन की चंचलता को नियंत्रित करता है। इसे पराशक्ति का प्रतीक माना गया है। हमारे शरीर में दोनों भ्रुवों (भौंहों) के मध्य मस्तक पर चंद्रमा का स्थान माना गया है। यहां पर रोली, चंदन आदि का टीका और बिंदी लगाई जाती है, जो चंद्रमा को प्रसन्न कर मन का नियंत्रण करती है। हठयोग में चंद्रमा का सहयोग जरूरी माना गया है। तंत्रशास्त्र में भी चंद्रमा को विशेष महत्त्व प्रदान किया गया है।
महादेव शिव के मस्तिष्क पर अर्धचंद्र की उपस्थिति उनके योगी स्वरूप को प्रकट करती है। अर्धचंद्र को आशा का प्रतीक मानकर पूजा जाता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में वर्णित कथा के अनुसार चंद्रमा का विवाह दक्ष प्रजापति की कन्याओं से हुआ था। जब चंद्रमा ने दक्ष की बेटियों पर पूरा ध्यान नहीं दिया तो, वे नाराज होकर अपने पिता के पास पहुंचीं। दक्ष ने क्रोधित होकर चंद्रमा को क्षय रोग से पीड़ित होने का शाप दे दिया। चंद्रमा ने शिव से प्रार्थना कर उन्हें प्रसन्न किया। शिवजी ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर ले लिया। इस पर दक्ष ने चंद्रमा को सौंपने को कहा अन्यथा शाप देने की चेतावनी दी। शिवजी विष्णु भगवान् के पास पहुंचे। उन्होंने चंद्रमा के दो रूप कर दिए। एक को दक्ष को सौंप दिया और दूसरा भगवान् शिव के मस्तक पर बैठा दिया। इस प्रकार दक्ष का शाप भी बना रहा और चंद्रमा शाप-मुक्त भी है। शाप के प्रभाव से चंद्रमा महीने में 15 दिन घटता है और 15 दिन तक धीरे-धीरे बढ़ता है।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सराफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर.9756402981,7500048250