आगरालीक्स…(29 June 2021 Agra News) आगरा में एक और हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा. 50 किमी. तक बाइक पर शव रखकर ले गए हत्यारे. इसलिए दिया हत्याकांड को अंजाम
सिकंदरा थाना क्षेत्र का मामला
आगरा पुलिस ने एक और हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में हत्या में शामिल तीन लोगों को अरेस्ट किया है. पुलिस ने इनके पास से बाइक और आला कत्ल बरामद किया है. मामला थाना सिकंदरा क्षेत्र का है. क्षेत्र के प्रीतक विहार में रहने वाले 60 वर्षीय फूलचंद 24 जून को दोपहर 3 बजे से लापता हो गए थे. इस संबंध में उनके बेटे विजय सिंह ने थाना सिकंदरा में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. इसके तीन दिन बाद यानी 27 जून को छटीकरा के जंगल में एक अज्ञात का शव मिला, जिसके सीधे हाथ पर फूलचंद्र लिखा था. इस पर थाना सिकंदरा से पुलिस व परिजन मथुरा मोर्चरी हाउस पहुंचे तो शव की शिनाख्त परिजनों ने फूलचंद के रूप में की. इस संबंध में फूलचंद के बेटे विजय ने थाना सिकंदरा में तहरीद देकर बताया कि उसके कुछ लोगों ने अंतिम बार फूल चंद को राजू गोला, रामू गोला और हीरालाल के साथ देखा था. इस संबंध में थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज कराया गया.
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और फूलचंद के मकान के आसपास के सीसीटीवी चेक किए तो 24 जून को को मृतक फूलचंद उपरोक्त तीनों लोगों राजू गोला, रामू गोला व हीरालाल के साथ जाते हुए दिखाई दिया. मंगलवार को पुलिस ने चेकिंग के दौरान मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर तीनों को दबोच लिया.
इसलिए की फूलचंद की हत्या
पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि राजू गोला बिगडैल किस्म का व्यक्ति है. वह महलिाओं और नाबालिग लड़कियों पर गलत नजर रखता था. राजू का फूलचंद के घर आना जाना था. फूलचंद अपने घर पर रहने वाले किरायेदारों को गार्जियन की तरह व्यवहार करता था. उसे राजू का अपने घर आना बिल्कुल भी पसंद नहीं था और वह उसे रोकता था.
फूलचंद अपने घर में अकेले रहता था. इस पर राजू ने फूलचंद को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाई जिससे कि वह घर आसानी से आ जा सके. फूलचंद के बच्चे इसके साथ नहीं रहते थे. ऐसे में इन तीनों ने सोचा कि फूलचंद की मौत के बाद इसके मकान व प्लॉट को बेच देंगे तथा किसी को पता भी नहीं चलेगा. इस पर तीनों 24 जून को फूलचंद के घर गए और पार्टी करने की कहकर अपने साथ रुनकता कस्बा के कुछ आगे शिवदेवी कट पर ले गए. यहां पहने इन्होंने फूलचंद को काफी शराब पिलाई और बाद में नशा होने पर उसके ऊपर पत्थर दे मारा जिससे उसकी मौत हो गई. यही नहीं तीनों ने इसके बाद रात को फूलचंद के शव को रस्सी से बांधा और बोरी में भरकर मोटरसाइकिल पर ही रखकर फरह टोल को बचाते हुए गांव से निकलकर छटीकरा से पहले के जंगलों में फेंक दिया और वापस आ गए.