राम बारात और जनकपुरी आयोजन की भव्यता आपसी मारपीट और आपसी मतभेद के बीच धूमिल हो गई। सीता के डोला भ्रमण कार्यक्रम में राजा जनक बने सहजीव रतन ने विवाद शुरू कर दिया। वे सीता जी के साथ डोला पर सवार हो गए, उन्हें जनकपुरी आयोजन के सदस्यों ने परंपराओं का हवाला देकर नीचे उतारा तो मारपीट कर दी, सुनयना बनी उनकी पत्नी ने जनकपुरी आयोजन के रवि परमार का गाल नोंच लिया। अगले दिन जनकपुरी आयोजन में अपने परिजनों को प्रवेश दिलाने को लेकर मारपीट हो गई और लात घूंसे चले। इस बीच जनकपुरी आयोजन को देखने के लिए लोगों की भीड भी कम रही।
दावत में क्यों जाएं
हर बार राजा जनक द्वारा सीता जी की विदाई पर बढहार की दावत दी जाती है। इस बार भी दावत दी गई, लेकिन जनकपुरी आयोजन में हुए विवाद के बाद कोई भी सदस्य दावत में शामिल नहीं हुआ।
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