Complete important work in three days, there will be holiday
Altamash Faridi rock the stage of Umang in Agra
आगरालीक्स …न सीखा मैंने जीना, बिना तेरे हमदम….गीत के स्वर आगरा के पालीवाल पार्क के खुशनुमा माहौल में गूंजने के साथ तालियों की गड़गड़ाहट भी गूंजने लगी। जी हां क्योंकि इस गीत को यहां स्वर दे रहे थे बॉलीवुड सिंगर अल्तमस फरीदी। मैं तेनू समझा वा की .., अच्छा चलता हूं दुआओं में रखना…, चन्ना मेरे आ मेरे आ, ओ पीया…, गीतों का सिलसिला शुआ हो तो मांनो गीतों की सुवह हो गई। शविदेशी श्रोताओं ने भी इस दिसकश शाम को खूब लुत्फ उठाया।
बाजीराव मस्तानी व गुंडे जैसी फिल्मों में अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेर चुके अल्तमस की बेहतरीन कलाकारी के साथ अनका बेतरीन व्यक्तित्व भी नजर आया, जब उन्होंने हर गाने के लिए दर्शकों से अनुमति मांगी और हालचाल पूछे। एक मुलाकात जरूरी है, जीने के लिए…, वो लम्हें वो बातें… विशेकर दर्शकों की फरमाइश पर उन्होंने सुनाया। इसके साथ ही रीया भट्टाचार्य (ये मोह-मोह के धागे.. सीरियल का टिल सॉंग सहित कई गीतों को आवाज दे चुकी) ने भी बेहतरीन प्रस्तुति से दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। अल्तमस की टीम में थे फिरोज खान, नईम, आसिफ फरीदा, बाबर खान, मारुफ खान, मधुकर थे।
सर्वप्रथम प्रथम पूज्य गणेश वंदना और उसके उपरान्त शिव वंदना रुचि शर्मा व उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत की गई। टुकड़े व तिहाईयों पर iजब कथक की सरगम बही तो दर्शकों की तालियों से परिसर गूंज उठा। नाद ब्रह्म जागों की प्रस्तुति ने संगीत की व्याख्या करते हुए बताया कि संगीत लोगों को एक दूसरे से कैसे जोड़ता है। संचालन डॉ. अनीता सिंघल व सोमा जैन ने किया।
इन्होंने किया कार्यक्रम का शुभारम्भ
कार्यक्रम का जिलाधिकारी गौरव दयाल ने दीप जलाकर किया। अतिथियों का स्वागत कार्क्रम संयोजक व को क्लब के प्रदीप खंडेलवाल व बृज मोहन शर्मा ने किया।
रहे उपस्थित
उमंग आयोजन सिमित की ओर से कौशल गर्ग, आलोक आर्य, डॉ. अंकुर गोयल, विवेक शर्मा, विवेक रायजादा, धनवान गुप्ता, संगीता लवानिया, शुभम सोनी, संजीव अग्रवाल (महाराजा), किशन अग्रवाल, संतोष सिंह लोधी, रजनी अग्रवाल, राघव शर्मा सपना, श्रुति सिन्हा ने किया। इसके अलावा वत्सला प्रभाकर, उर्मिला अग्रवाल आदि।