विज्ञापन देकर की थी एक लाख की ठगी
के बेटे डॉ. देवाशीष ने ओएलएक्स पर एक ऑडी कार विज्ञापन देखा। दो दिन पूर्व ब्रिटिश हाई कमीशन चीफ डेविड नाम से यह विज्ञापन दिया गया था। कार पसंद नहीं आने पर रकम वापस लौटाने की बात भी कही गई थी। डॉ. देवाशीष ने डेविड से फोन पर संपर्क किया तो उसने कार बेचने का कारण ब्रिटेन वापस लौटना बताया। डेविड ने कहा कि उनके सचिव पंकज त्रिपाठी के खाते में कानपुर की एक बैंक शाखा में एक लाख रुपये जमा करा दें, जिससे कार की बुकिंग कर ली जाएगी और किसी को यह कार नहीं दी जाएगी। डॉक्टर द्वारा रुपये जमा कराने के बाद शातिर एक लाख रुपये और जमा कराने की कहने लगा। दोबारा पैसे जमा कराने पर डॉक्टर देवाशीष को शक हुआ, छानबीन करने मामला खुल गया।
नाइजीरियन गिरोह के साथ ठगी
बैंक एकाउंट के आधार पर पकडे गए आॅनलाइन ठगी के मास्टर माइंड कानपुर निवासी प्रभाकर और सुनील के तार दिल्ली में नाइजीरियर गिरोह से जुडे हुए हैं। गिरोह आॅनलाइन शॉपिंग साइड का इस्तेमाल कर ठगी करता है। बैंक एकाउंट में पैसे जमा होने के बाद निकाल लिए जाते हैं, एकाउंट भी फर्जी आईडी से खोला जाता है, जिससे पकडे न जा सकें।
आॅनलाइन ठगी के मास्टर माइंड
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