Bel leaves are being offered on Shivling, so keep this caution#agranews
आगरालीक्स(26 July 2021 Agra News)। सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव की आराधना की जा रही है। शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ा रहे हैं तो ये सावधानी बरतें, नहीं तो।
शुभ संयोग में मनाया जा रहा पहला सोमवार
सावन के पहले सोमवार को को शहर की कॉलोनियों और अपार्टमेंट के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। आज धनिष्ठा नक्षत्र सौभाग्य योग और वव करण का शुभ सुखद संयोग है। मंदिरों में लोग जलाभिषेक कर रहे हैं। अगर आप जल के साथ बिल्व पत्र चढ़ा रहे हैं तो इसका खास ध्यान रखें। कई श्रद्धालु बेल पत्र को गलत तरीके से चढ़ाते हैं। श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि अगर बेल पत्र सही विधि से चढ़ाया जाए तो आपको दोगुना फल मिलेगा।
पूजा में है बिल्व पत्र का सबसे ज्यादा महत्व
पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि भगवान शिव की पूजा में बिल्व पत्र सबसे ज्यादा महत्व रखता है। मान्यता है कि भगवान शंकर को बिल्व पत्र अधिक प्रिय है। उनके हर पूजन में इसे शामिल करना ज़रूरी माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
जलधारा के साथ करें अर्पण
उन्होंने बताया कि अगर जल धारा के साथ बिल्व पत्र अर्पित किया जाए तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। बिल्व पत्र के बारे में कहा जाता है कि इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से शिव जी का मस्तक शीतल रहता है। यदि बिल्व पत्र में तीन पत्तियां हों तो वो सर्वोत्तम माना जाता है। इसके अलावा भगवान पर इन्हें अर्पित करते समय ध्यान रखें कि यह खराब नही होनी चाहिए।
इस दिन नहीं तोड़ें बेल पत्र
सोमवार, अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा और संक्रांति के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। सावन के महीने में इससे पूजा करने के लिए इन्हें पहले ही तोड़कर अपने पास रख लें। अगर आप बेलपत्र खरीद रहे हैं तो उसे कभी भी शिव जी पर चढ़ाया जा सकता है।
धोकर भी चढ़ा सकते हैं
शिवपुराण के अनुसार, अगर आप मंदिर जाते हैं तो शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ बेल पत्र नीचे गिर जाता है तो आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि एक बेलपत्र को कई बार धोकर चढ़ा सकते हैं।
जहां लगा होता है बेल वृक्ष, वहां होती है शिव कृपा
मान्यता है कि जिन घरों में बेलवृक्ष लगा होता है, वहां शिव की कृपा निरंतर बरसती रहती है। बेलवृक्ष को घर के उत्तर-पश्चिम में लगाने से यश कीर्ति की प्राप्ति होती है। उत्तर-दक्षिण में लगे होने पर भी सुख-शांति और मध्य में लगे होने से घर में धन और खुशियां आती हैं।