आगरा में एक्साइज डयूटी के विरोध में शनिवार को भी सर्राफा बाजार बंद रहा, एमजी रोड पर व्यापारियों ने प्रदर्शन किया। कारोबारियों ने कहा कि अब भाजपा को छोडना पडेगा, क्योंकि व्यापारी भाजपा को वोट देते हैं और उन की ही बात नहीं सुनी जा रही है। इसके बाद दोपहर में केंद्रीय मंत्री डॉ राम शंकर कठेरिया के आवास पर सर्राफा कारोबारी पहुंचे। यहां विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को आडे हाथ लिया, उन्होंने कहा कि भाजपा व्यापारियों की पार्टी है, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली व्यापारी नहीं हैं, वे क्या जाने व्यापरियों की क्या समस्याएं होती हैं। ज्वैलर्स 17 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
ये है मांग
श्री सराफा कमेटी ने वित्तमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि केंद्र सरकार आयात होने वाले सोने पर 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी वसूल रही है। यह सोना रॉ मैटेरियल के रूप में प्रयोग होता है और इसका महज 50 फीसदी ही आभूषणों में उपयोग हो पाता है। अगर राजस्व ही बढ़ाना है तो कस्टम ड्यूटी 10 की जगह 11 प्रतिशत कर दें। इससे एक्साइज की अपेक्षा कहीं ज्यादा टैक्स मिल जाएगा।
सोने, हीरे के आभूषणों पर केंद्र सरकार दो बार एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रयास कर चुकी है, लेकिन दोनों ही बार व्यापारियों के कड़े विरोध के कारण कदम पीछे खींचने पड़े। साल 2005 में केंद्र सरकार ने दो प्रतिशत एक्साइज लगाया था, जबकि 2012 में एक फीसदी ड्यूटी लगाई गई। दोनों ही बार व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंदी कर सरकार को रोल बैक के लिए मजबूर कर दिया। यह तीसरा मौका है, लेकिन व्यापारी एक्साइज ड्यूटी के खिलाफ लंबे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। वित्त मंत्री सराफा कारोबारी की मांग को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसे में वे पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के प्रयास में जुटे हुए हैं।
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