आगरालीक्स। आजाद था..हूं..रहूंगा…। शुक्रवार को महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर उन्हें इसी अंदाज में याद किया गया।
आगरालीक्स..(23 July Agra News)। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर आगरावासियों ने उन्हें याद किया। शहीद स्मारक पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके आदर्शों को आत्मसात करने का शपथ भी ली गई।
14 साल की उम्र में आंदोलन में आए
श्री बांके बिहारी वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन शर्मा ने शहीद स्मारक पर चंद्रशेखर आजाद को याद किया। कहा कि चंद्रशेखर आजाद का प्रारंभिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र भावरा गांव में व्यतीत हुआ। भील बालकों के साथ रहते-रहते बचपन में ही धनुष बाण चलाना सीख लिया था। उनकी माता जगरानी देवी उन्हें संस्कृत का विद्धान बनाना चाहती थीं। इसीलिए उन्हें संस्कृत सीखने लिए काशी विद्यापीठ, बनारस भेजा गया। दिसंबर 1921 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में मात्र 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने भाग लिया। इसके बाद अंतिम सांस तक अंग्रेजी हुकूमत के दिलों में खौफ का पर्याय रहे।
इसके बाद सोसाइटी के सदस्यों ने देश के गरीबों, मजलूमों के लिए अपना जीवन समर्पित करने की शपथ ली।
इनकी रही मौजूदगी
श्याम किशोर दीक्षित, मयंक उपाध्याय, लविश उपाध्याय, दीपक उपाध्याय, विषपाल यादव, कुलदीप यादव, पिंकू पचौरी, डॉ. योगेश बिंदल, विवेक शर्मा एडवोकेट, नकुल सारस्वत, अमन सारस्वत, उमाकांत सारस्वत, अभिषेक अग्रवाल, रामानुज मिश्रा, अमित जादौन, सोनू गोस्वामी समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।