आगरालीक्स…पिछले 5 सालों के अंदर यूनिवर्सिटी में हुए सभी कामकाजों की शासन से हो खुली जांच….सिविल सोसायटी ने कहा-कई मामलों में नाकाम साबित हो रहा विवि प्रशासन.
सिविल सोसायटी आफ आगरा ने की मांग
सिविल सोसायटी आफ आगरा ने हरियाली वाटिका में सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की. सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि डा भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय राज्य सरकार का विश्वविद्यालय है. नयी शिक्षा नीति 2020 के लागू हो जाने के बाद इसकी सेवाओं का विस्तार होना चाहिये था ,इसके स्थान पर इसके कार्य क्षेत्र में जहां संकुचन हुआ है, वहीं शैक्षणिक संकायों में भी कमी आयी है. कोर्स पूरे कर चुके छात्रों को डिग्री समय से उपलब्ध करवाने के मामले में वि वि प्रशासन नाकाम साबित हुआ है. सिविल सोसायटी ऑफ आगरा विवि की मौजूदा स्थिति की आगरा के शैक्षणिक जरूरत को पूरा करने और मंडल के युवाओं के भविष्य बेहतर करने के लिये इसकी स्थतियों में सुधार लाये जाने की पक्षधर है. इसके लिये कुलपति से हमारी मांग है कि 2015 से लेकर 2020 तक की अवधि के कामकाज की उप्र शासन से खुली जांच करवाये, जिससे विश्वविद्यालय आगरा में निर्माण, नियुक्ितयों, प्रोन्नतियां और सेवा कर्मियों के प्रोवीडैंड फंड के प्रबंधन को लेकर बडे पैमाने पर जो घपले हुए हैं उनमें संलिप्तों के विरुद्ध कार्यवाही हो सके तथा शिक्षा परिसर भ्रष्टाचार मुक्त हो सके. इन अनियमितताओं को जन जानकारी में लाये जाने के लिये आरटीआई एक्ट 2005, व अन्य विधिक माध्यम भी हैं किन्तु गड़बड़ियाँ इतने बडे पैमाने पर है कि सक्षम अधिकारी नियुक्त कर खुली जांच से ही समाधान संभव है.
शिक्षा सचित रह चुके किसी अधिकारी के जरिए हो जांच
उन्होंने कहा कि किससे इन जांचो को करवाया जाये यह राजभवन और कुलपति पर निर्भर करता है किन्तु हमारा निवेदन है कि किसी शिक्षा सचिव रह चुके किसी अधिकारी से यह कार्य करवाया जाये. वि वि में जो करैप्शन पैटर्न है उसके अनुसार अधिकांश अनियमित्ताओं की शुरूआत एक उपकुलपति के कार्यकाल में होती है और उनके परिणाम बाद के कुलपति के कार्यकाल में आते हैं. सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने भ्रष्टाचार की इस प्रक्रिया को समझा और अनियमित्ताओं की जांच की मांग को गंभीरता से लेना शुरू किया हुआ है. प्रेस वार्ता को शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी एवं निसार मोहम्मद खान ने भी संबोधित किया..