आगरालीक्स.. आगरा के बडे डॉक्टर और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा, आईवीएफ से इलाज कराने के दौरान गर्भस्थ शिशु और महिला की मौत के मामले में कोर्ट ने रवि हॉस्पिटल के संचालक और आईएमए के अध्यक्ष डॉ रविंद्र मोहन पचौरी, उनकी पत्नी डॉ रजनी पचौरी सहित तीन पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। थाना हरीपर्वत पुलिस का मीडिया से कहना है कि मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
सतीश चंद्र निवासी इटावा का आरोप है कि शादी के कई साल बाद तक बच्चा न होने पर उन्होंने अपनी पत्नी विनीता कुमारी का रवि हॉस्पिटल में आईवीएफ से टेस्ट टयूब बेबी के लिए 2015 में इलाज कराया, उनसे 10 लाख रुपये लिए, कुछ दिन बाद जुडवा गर्भस्थ शिशु बताए। जनवरी 2016 में दोनों छह महीने के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। 26 नवंबर 2018 को उन्होंने अपनी पत्नी विनीता कुमारी का दोबारा आईवीएफ कराया, इस बार भी जुडवा गर्भस्थ शिशु बताए।आरोप है कि उन्होंने एक शिशु को कमजोर बताते हुए उसे नष्ट कराने के लिए कहा, इसी दौरान पांच अप्रैल 2019 को विनीता कुमारी की तबीयत बिगडने पर रवि हॉस्पिटल में भर्ती कराया। आरोप है कि यहां उनकी अनुमति के बिना दोनों की गर्भस्थ शिशु नष्ट कर दिए, उनकी पत्नी की मौत होने के बाद भी वेंटीलेटर पर रख लिया, उन्होंने शिकायत की तो जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।
गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश
इस मामले में सतीश चंद्र ने विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट राम नरेश मौर्य के कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने थाना हरीपर्वत पुलिस को रवि हॉस्पिटल के संचालक डॉ रविंद्र मोहन पचौरी,उनकी पत्नी डॉ रजनी पचौरी सहित तीन पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। थाना हरीपर्वत पुलिस का मीडिया से कहना है कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।