Cyber Crime in Agra: 142 cases in 10 months, fraud up to 8 crores…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में लूट—डकैती से ज्यादा साइबर क्राइम. 10 महीने में 142 मुकदमे, 8 करोड़ तक की ठगी. सैकड़ों मामले जांच के लिए लंबित…पुलिस इसे रोकने के लिए कर रही ये काम
आगरा में पिछले कुछ महीनों में देखा जाए तो साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. लूट और डकैती की अपेक्षा साइबर अपराध के जरिए बिना हथियार के लोगों से लाखों की लूट की जा रही है. उन्हें ब्लैकमेल करके न सिर्फ अपने चंगुल में फंसाया जा रहा है बल्कि कई—कई तरीकों से उनके एकाउंट्स से कैश ट्रांसफर कर लिए जाते हैं. पिछले दिनों ही एक शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट किया गया था जिससे तनाव में आई शिक्षिका की मौत हो गई. अब आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने भी इस क्राइम को रोकने के लिए फुल फ्लैश के साथ लड़ने का मन बना लिया है और इसके लिए कई तैयारियां भी की जा रही हैं.
10 महीने में 142 मुकदमे, पांच करोड़ से अधिक की ठगी
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में पिछले 10 महीने में साइबर थाने में साइबर क्राइम के 142 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में पांच करोड़ से अधिक की ठगी की गई है. सैकड़ों प्रार्थना पत्रों की जांच लंबित है. छोटे मामले थानों में दर्ज हैं. सभी पीड़ितों की रकम अगर जोड़ी जाए तो यह आंकड़ा 8 करोड़ के पास हो जाएगा.
साइबर अपराध रोकने को मंथन
आगरा में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने के लिए अब मंथन किया जा रहा है. साइबर थाने को मजबूत बनाये जाने के लि प्रयास शुरू कर दिए हैं. पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि साइबर थाने में विवेचकों की संख्या बढ़ाई जाए और विशेषज्ञों की तैनाती हो. बाकायदा इंटरव्यू लेकर दरोगाओं को साइबर थाने में तैनाती भी दी जा रही है. डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि पिछले 10 माह में जो शिकायतें साइबर थाना और साइबर सेल में आई हैं उनमें प्रयुक्त करीब 2 हजार मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए हैं. इन नंबरों की सूचना लखनऊ मुख्यालय भी भेजी जाती है. साइबर क्राइम की एक घटना में 8 से 10 बैंक खाते रडार पर आते हैं. इन सभी को बंद कराया जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
किसी अनजान का वीडियो कॉल न उठाएं. वाट्सएप पर अपरिचित कॉल साइलेंट की सुविधा है. सेटिंग में जाकर इसे एक्टिवेट करें.
पुलिस, सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स ब्यूरो आदि जांच एजेंसी कभी वीडियो कॉल् करके जांच नहीं करतीं.
बचचे के अपराध में पकड़े जाने की कोई सूचना दे तो उस पर यकीन न करें.
पेंशन आफिस वाले फोन करके कभी गोपनीय जानकारी नहीं मांगते हैं
बैंक मैनेजर भी फोन करके कभी गोपनीय जानकारी नहीं मांगते.
सुरक्षित और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें
किसी भी अनजान लिंग कपर क्लिक नहीं करें.