Decoration in temples on Phulera Duj, Sahalag is also in full swing, worship Lord Krishna with these six flowers, your wishes will be fulfilled
आगरालीक्स…आगरा में फुलेरा दूज पर मंदिरों में सजावट। सहालग से बाजारों में रौनक। इन छह फूल से श्रीकृष्ण की करें तो पूजा तो होगी मनोकामना पूर्ण। जानें क्या है आज खास

भगवान श्रीकृष्ण का फूलों से श्रृंगार

श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा बताते हैं कि फाल्गुन शुक्ल की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। मंदिर में फूल बंगला सजाया जाता है।
सभी दोषों से मुक्त होती है यह तिथि
यह तिथि सभी दोषों से मुक्त होती है। इस दिन शुभ विवाह के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त होता है। इस वजह से आज अनबूझ सहालग से बाजारों में भी रौनक है।
इन फूलों से करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा
1-कृष्ण कमल
कृष्ण कमल फूल के ऊपर तीन कलियां होती है जिसे ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि फुलेरा दूज पर कृष्ण की पूजा कृष्ण कमल से करने पर प्रगति होती है
2-कुमुदिनी
राधा-कृष्ण की 5 कुमुदिनी के फूल से पूजा करने पर पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति रहती है।
3-वैजयंती
वैजयंती फूलों को सौभाग्यशाली माना गया है। श्रीकृष्ण हमेशा वैजयंती फूलों के बीजों से बनी माला धारण करते हैं। वैजयंती के फूल चढ़ाने से आर्थिक लाभ मिलता है। धन की कभी कमी नहीं रहती। साथ ही ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं।
4-रजनीगंधा
रजनीगंधा का फूल कान्हा को अति प्रिय है। मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन घर के पूर्व या उत्तर में लगाने से समृद्धि आती है। इससे पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।
5-वनमाला
गुलाल के साथ कान्हा को वनमाला के फूल की माला पहनाएं। फिर राधा रानी को भी वनमाला के फूल चढ़ाएं। इससे प्रेम संबंधों में कभी कड़वाहट नहीं आती, पति पत्नी के बीच चल रहा तनाव दूर होता है।
6-हरसिंगार (पारिजात)
परिजात फूल अर्पण से विवाह में आ रही रुकावट दूर होती है। सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है।
पौराणिक कथा
ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण लंबे समय से अपने कार्य में व्यस्त रहे थे। जिसके कारण भगवान श्रीकृष्ण राधा रानी से नहीं मिल पा रहे थे। राधा रानी अत्यंत दुखी रहने लगी थी। राधा रानी के दुखी होने के कारण प्रकृति पर विपरित प्रभाव पड़ने लगा, भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति की हालत को देख कर, राधा रानी का दुख और नाराजगी दूर करने के लिए मिलने गये। जब भगवान श्रीकृष्ण, राधा रानी से मिलें तो राधा और गोपियां प्रसन्न हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई।
श्रीकृष्ण ने फूल तोड़कर राधारानी पर फेंका था
श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़ा और राधारानी पर फेंक दिया। इसके बाद राधा ने भी कृष्ण पर फूल तोड़कर फेंक दिया। फिर गोपियों ने भी एक दूसरे पर फूल फेंकने शुरू कर दिए। हर तरफ फूलों की होली शुरू हो गई। यह सब फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था। तब से इस तिथि को फुलेरा दूज के नाम से एक त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा।