आगरालीक्स….(5 June 2021 Agra) आगरा के डीईआई के स्टूडेंट्स ने पर्यावरण संरक्षण पर चेताया. अपने मंतव्य प्रतियोगिता में उकेरे
विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया भर में हर साल 5 जून को मनाया जाता है जिसका उद्देश्य पर्यावरण की स्थिति से लोगों को अवगत कराना तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करना है. दयालबाग शिक्षण संस्थान, दयालबाग, आगरा विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों में विशेषकर विद्यार्थियों में जागरूकता लाने के लिए कई सारे प्रतियोगिताओं का आयोजन किया. इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थी पर्यावरण की वर्तमान स्थिति तथा उसके संरक्षण के उपाय साझा किए. विद्यार्थी हमारे देश के भविष्य हैं तथा इनके विचार पर्यावरण संरक्षण में अपना एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. विद्यार्थियों का इन प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना यह दर्शाता है कि विद्यार्थी पर्यावरण के प्रति कितना जागरूक है. यह सराहनीय तथा अच्छे भविष्य की ओर इंगित करता है।
सच्चाई यह है कि पर्यावरण के दूषित होने के कारण पूरे दुनिया में एक तरह का भूचाल सा आया हुआ है. पर्यावरण के प्रदूषण का मुख्य कारण ऊर्जा की अत्यधिक खपत है. ऊर्जा की खपत को कम कर पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है क्योंकि पर्यावरण को खतरा प्रदूषण से है और प्रदूषण का मुख्य कारण ऊर्जा की खपत है. दयालबाग शिक्षण संस्थान में हमेशा से विद्यार्थियों को प्रदूषण कम फैलाने व ऊर्जा की खपत को सीमित करने की सीख दी जाती है। यह विद्यार्थी इस सीख का भविष्य में उपयोग करते हैं जो पर्यावरण को बचाने में मददगार साबित हो सकता है. पर्यावरण संरक्षण का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के दूषित होने के कारण होने वाले कुप्रभाव से अपने समाज, अपना देश व दुनिया को बचाना है.
दयालबाग शिक्षण संस्थान का राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा उन्नत भारत अभियान इकाई पर्यावरण संरक्षण यानी जल, वायु तथा जमीन को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अपने स्तर से केवल लोगों को जागरूक ही नहीं करता बल्कि लगातार विभिन्न कैंप के माध्यम से लोगों को पर्यावरण को कैसे बचाएं इससे भी अवगत कराता रहा है. पर्यावरण पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव है और पेड़ पौधों को लगा कर के इस दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है. इसलिए दयालबाग शिक्षण संस्थान मे वृक्षारोपण के कार्यक्रम को पूरे साल चलाता जाता है. दयालबाग शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ सौरव मनी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण आज के समय के लिए बहुत ही आवश्यक है. सच में देखा जाए तो पर्यावरण का बहुत बुरा हाल है. इसे अब भी नहीं संवारा गया तो हमारा भविष्य हमें माफ नहीं करेगा. उन्नत भारत अभियान के समन्वयक डॉ अशोक जांगिड़ ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण विद्यार्थी व आम व्यक्ति तथा शहर के लोग तथा गांव के लोग सभी का कर्तव्य है क्योंकि पर्यावरण से होने वाली हानि से गांव व शहर दोनों ही प्रभावित है. अतः आज के पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सब को यह शपथ लेना चाहिए कि हम अपने दैनिक आदत में सुधार लाएंगे तथा कोशिश करेंगे कि हमारे किसी भी कदम से, किसी भी काम से पर्यावरण के ऊपर बुरा प्रभाव ना पड़े.
दयालबाग संस्थान संस्थान में कार्यरत पर्यावरण वैज्ञानिक डा रंजीत कुमार ने कहा कि अगर हमारे वाहन से प्रदूषण हो रहा है तो हमें वाहन का उपयोग बंद कर देना चाहिए क्योंकि ईंधन का उपयोग कम होने पर प्रदूषण का स्तर घट सकता है. जहां हम पैदल चल सकते हैं वहां हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम पैदल ही चले. हम जहां कार से जा सकते हैं ट्रेन से जा सकते हैं वहां हवाई जहाज से यात्रा नहीं करनी चाहिए. अगर हम बिना ए.सी. चलाए रह सकते हैं तो उस दौरान एयर कंडीशन का उपयोग नहीं करना चाहिए. हमें उर्जा के प्रति मितव्याई होना बहुत ही जरूरी है. ऊर्जा की खपत को सीमित कर ग्लोबल वार्मिंग, क्लिमेट चेंज के कुप्रभाव को कम किया जा सकता है. गर्मी के दिनों में अत्यधिक गर्मी, जारे के महीनों में अत्यधिक कम तापमान, कहीं बाढ़, कहीं सूखा, ग्रीषम ऋतु का लंबा होना, ठंड के मौसम का कम दिनों के लिये होना, मंसून वर्षा का कम होना, व विभिन्न प्रकार के बीमारियों का बढ़ना इसका संकेत है. इसके प्रभाव को कम करने के लिए क्लिमेट रेसिलिएंट समाज का निर्माण करना होगा.
दयालबाग शिक्षण संस्थान के विद्यार्थि, शिक्षक, कर्मचारी, तथा संस्थान के अधिकारी गण भी साइकिल का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहते हैं. पॉलिथीन का इस्तेमाल संस्थान में प्रतिबंधित किया हुआ है. कोशिश यह रहती है की हम कम से कम बिजली की खपत करें क्योंकि बिजली कोयला से बनता है और इससे वातावरण प्रदूषित होता है. वातावरण के दूषित होने के कारण बहुत सारी बीमारियां लोगों में हो जाती है. आजकल कोरोना का संक्रमण भी प्रदूषण के कारण ज्यादा खतरनाक हो गया है. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ लेनी चाहिए तथा लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करनी चाहिए। इसीलिए दयालबाग शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी पोस्टर / निबंध / कविता / स्लोगन आदि के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति चेतना तथा प्रदूषण की रोकथाम व पर्यावरण के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में लगभग 400 प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया तथा अपना योगदान पर्यावरण संरक्षण के लिए दिया. इसमें संस्थान के राष्ट्रिय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डा सुषमा मिश्र, डा पर्विंदर् सिंह, डा अंजलि सेठ, डा अनिशा सत्संगी, डा राजीव रंजन व शिक्षक तथा संस्थान के निदेशक प्रो पी के कालरा के मार्गदर्शन का विशेष योगदान रहा.