लखनऊलीक्स (11th October 2021)… विधानसभा चुनावों में भाजपा को हर ओर से घेरने के लिए हर पार्टी का अलग चुनावी एजेंडा.
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। लेकिन राजनीतिक दलों ने अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने के लिए सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं।
सपा का फोकस युवा, किसान और महिलाओं पर
यूपी में मुख्य विपक्षी पार्टी मानी जा रही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहारनपुर से अपने चुनाव अभियान का श्रीगणेश कर चुके हैं। कल मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव रथ पर सवार होने जा रहे हैंं। मंगलवार को ही पार्टी के आदर्श समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है। सपा के चुनावी एजेंडे में इस बार मुस्लिम कार्ड के बजाय युवा, किसान और महिलाओं पर फोकस रहेगा। अखिलेश ने युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित करने के लिए रोजगार को प्रमुख मुद्दा बनाने की रणनीति बनाई है।

रालोद का फोकस जाट—मुस्लिम पर
अपनी खोई जमीन वापस पाने में जुटे रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने पितामह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर हापुड़ के नूरपुर में जन आशीर्वाद यात्रा शुरू कर दी है। रालोद प्रमुख का चुनावी एजेंडा जाट और मुस्लिम को जोड़ना है। जन आशीर्वाद यात्रा के जरिये वह मुजफ्फरनगर दंगे से बिगड़े सामाजिक तानेबाने को दोबारा दुरुस्त करने में जुटना चाहते हैं।
बसपा का मुख्य मुद्दा रोजगार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में कांशीराम स्मारक स्थल मैदान से चुनावी बिगुल फूंक दिया है। बसपा अपने कोर वोट बैंक दलित समुदाय को एकजुट करने के अलावा विकास, रोजगार और कानून व्यवस्था को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। मायावती ने कहा भी है कि रोजगार इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा।
कांग्रेस की किसान न्याय रैली
यूपी में अपने राजनीतिक अस्तित्व की पुनर्स्थापना के लिए जुटी कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पूरे दमखम से यूपी चुनाव में उतरेगी। रविवार को बनारस में किसान न्याय रैली से कांग्रेस ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। विकास, रोजगार और कानून व्यवस्था के अलावा मुस्लिम और सिख कांग्रेस का प्रमुख चुनावी एजेंडा होगा।