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Diwali 2023 Agra: Know the time of worship of Shri Ganesh-Mahalakshmi in home, office and shops…#agranews

आगरालीक्स…दीपावली पर घर और आफिस, दुकानों में श्रीगणेश—महालक्ष्मी के पूजन का टाइम जानें. दिन और रात के शुभ लग्न मुहूर्त, पूजा विधि

इस वर्ष 2023 में श्री महालक्ष्मी पूजन दीपावली का प्रमुख पर्व त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी रविवार में ही मान्य रहेगा ,12 नवंबर रविवार में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि दोपहर 02:44 तक मान्य होगी। इसके उपरांत सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है, अतः इस वर्ष दीपावली का पर्व त्यौहार रविवार 12 नवंबर में ही मनाया जाना शुभ माना जाएगा। इस दिन स्वाति नक्षत्र मध्य रात्रि उपरांत 2:50 तक रहेगा। इसके बाद विशाखा नक्षत्र वर्तमान में माना जाएगा। आयुष्मान योग सांय 4:30 तक रहेगा इसके उपरांत सौभाग्य योग चालू होगा। तिथि व वार के संयोग से लुम्बंक नामक योग बन रहा है। स्वाति नक्षत्र और सौभाग्य योग में अमावस्या तिथि का होना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसमें दुकानदार व्यापारी ,निजी कारोबारी का काम करने वाले शिक्षा से संबंधित लोग, शिल्पी, चित्रकार, किराना खाद्य पदार्थ सोना चांदी ,कल कारखाने ,रसायन उद्योग से संबंधित लोग कलाकर्म वाहन लेनदेन किसी कार्य का संचालन करने वाले लोग आदि सभी कार्य करने वालों के लिए यह त्यौहार अत्यंत उत्तम शुभ माना जाएगा दीपावली माता लक्ष्मी जी की उत्पत्ति तिथि होने के कारण से सभी तरह के काम धंधे करने वाले लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

राहु काल -सांयकाल 4:30 बजे से सांय काल 6:00 बजे तक रहेगा जो इस दिन का सबसे खराब और नेष्ट समय कहा जाएगा यह समय किसी भी कार्य के लिए शुभ नहीरहेगा

दीपावली पूजन और दिन के शुभ लग्न मुहूर्त
मीन लग्न ♦दोपहर 02:34 से सांय 04:01 तक मीन लग्न रहेगी इसमे शुभ का चौघडिया मुहूर्त उपलब्ध रहेगा इस वर्ष मीन राशि में दैत्य सेनापति राहु विराजमान है अतः दीपावली पूजन से पहले राहु की पूजा करना अनिवार्य रहेगा इसमें लग्नेशवली माना जाएगा इससे वर्षभर इस समय में पूजा करने वाले लोगों की कार्यशैली में लाभ उन्नति वनी रहेगी इस लग्न में स्कूल कॉलेज स्टेशनरी किताब कॉपी कोचिंग ट्यूशन सेंटर का कार्य करने वाले लोगों के लिए यह समय सर्वोत्तम माना जाएगा
मेष लग्न 🏵(गोधूलिबेला ) ♦सांय 04 :01 से सांय 05:38 तक लक्ष्मी पूजन वाले दिन सांयकाल के समय यह लग्न रहेगी मेष लग्न मै ही गोधूलि बेला रहेगी और प्रदोष काल सांयकाल 04:01 से प्रारम्भ हो जाएगा दीपावली पूजन के लिए शुभ समय कहा जा सकता है इसी लग्न मै “गोधूलिबेला” का प्रभाव तथा प्रदोष के उत्तम समय का समागम असफलता के मध्य सफलता दायक उन्नति दायक कहाजाएगा इस मेष लग्न में पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा इस लग्न में बिल्डिंगमैटेरियल काम करने वाले डॉक्टर वैध जर्नल स्टोर हलवाई खाद्य पदार्थ हार्डवेयर का काम पुलिस ,सैना ,एजेंसी ,परचून विसायती ,तारकोल, भूमि भवन से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्ति ,प्रॉपर्टी एवं रियल स्टेट के कार्य करने वाले व्यक्ति एवं खनिज लवण रसायन से संबंधित व्यक्ति इस लग्न में पूजा पाठ करके अत्यंत शुभफल के भागी बन सकते हैं परंतु इस समय अत्यंत नेष्ट राहुकाल भी चल रहा होगा अतः किसी भी पूजा को करने से पहले राहु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाएगा
कैसे करें पूजा पाठ🔥 – 🔹पूजनाचार्य यजमान से सर्वप्रथम स्वस्तिवाचन, कलश पूजन ,संकल्प कराकर श्री गणेश, महालक्ष्मी, रिद्धि सिद्धि, इंद्र ,वरूण ,कुबेर भंडारी शक्तियों सहित ब्रह्मा, विष्णु ,महेश, कुल देवता ,स्थान देवता ,सूर्य आदि समस्त ग्रह नक्षत्र मंडल की पूजा-अर्चना कराएं तदुपरांत वही बसना खाता कलम दवात रोकड़ पूजन एवं अत्याधुनिक उपकरण कंप्यूटर लैपटॉप आदि की विधि विधान से पूजा करने तथा करवाने वाले वर्ष मध्ये उत्तरोत्तर लाभोन्नति की तरफ अग्रसर होते रहेंगे नवोदय मेहमान मंगलोत्सव व्यवसाय में उन्नति हर्ष का कारण बनेगी देश देशांतर की लंबी यात्रा भूमि वाहनादि की खरीद-फरोख्त अच्छी होगी राज समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी सम्मान, ख्याति बढ़ेगी

दीपावली पूजन और रात्रि के शुभ लग्न मुहूर्त🌻
वृषभ लग्न एवं प्रदोषकाल पूजा का मुहूर्त *- ♦सायंकाल 05:38 से रात्रि 07:35 तक रहेगी दीप मालिका दिन रविवार की रात्रि वृष लग्न मै रोजगार भाव में स्बग्रही शनि सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में बुद्ध अत्यंत सफल दायक माने जाएंगे फलदायक स्थितियों को बनाते हैं क्योंकि इसमें लाभ उद्देग और शुभ का अत्यंत शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे यह किसी भी व्यक्ति के लिए रात्रि में घर की पूजा का सर्वोत्तम समय कहलाया जाएगा ‘प्रदोष’ के समय “अमृत” का चौघड़िया मुहूर्त की गति मनोकामना पूर्ति में सहायक बनेगी लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल को पूर्वाचार्यो ने सर्वश्रेष्ठ माना है हां तो प्रदोष काल में दीपावली का पूजन करें यह समय सब तरह से सर्वश्रेष्ठ और दिन का अति उत्तम समय माना जाएगा प्रदोष के अधिपति भगवान आशुतोष भगवान भोलेनाथ शंकर जी सब तरह की सुख समृद्धि प्रदान करने वाले देवता कहे गए हैं इस लग्न में ज्वेलर्स जवाहरात का काम करने वाले लोग सौंदर्य प्रसाधन टीवी फ्रिज एसी वाशिंग मशीन का काम करने वाले व्यक्ति शॉपिंग मॉल रेस्टोरेंट से संबंधित एवं विलासिता हाई-फाई काम करने वाले व्यक्ति संचार क्षेत्र मोबाइल केबल नेटवर्क कार्य करने वाले लोग वाहन की एजेंसी वाले लोग इस समय में पूजा पाठ करने से पुण्य लाभ के भागी बन सकते है
मिथुन लग्न = ♦रात्रि 07:35से रात्रि 09:49तक मिथुन लग्न में अमृत और चर के दो चौघड़िया मुहूर्त रहेगे जो किस की सभी तरह के काम धंधे करने वालों के लिए अत्यंत शुभ फल प्रदान करेंगे जिसके प्रभाव से उद्योग धन्धो के संचालकों को रोजगार मिलेगा और लाभ उन्नति बढ़ती जाएगी इस समय में पूजा करने से माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी और उद्योग धंधे फलते फूलते नजर आएंगे इस लग्न में होटल रेस्टोरेंट दवा दवाओं की फार्मेसी लकड़ी टिंबर रजाई गद्दे लकड़ी के फैंसी सामान कार्य करने वाले व्यक्ति डेयरी उद्योग दूध से बने खाद्य पदार्थो के काम करने वाले व्यक्ति यो के लिए यह समय उत्तम कहा जाएगा
कर्क लग्न=(निशीथ काल) = ♦रात्रि 09:49 से मध्य रात्रि 01:07 तक कर्क लग्न इस समय लाभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा , इस समय को निशिथ काल माना जाएगा निशीथ काल की व्याप्ति मैं दीपावली पूजन अत्यंत सुखद माना जाता है शुभ समय में पूजा करने तथा करवाने वाले उत्तरोत्तर लाभ उन्नति की ओर अग्रसर होते जाते हैं रात्रि 12:00बजे के बाद निशीथ काल प्रारंभ हो रहा हैजो रात्रि01:30 मिनट तक रहेगा, यह समय घरेलू पूजन आदि के लिए सर्वोत्तम रहता है इसमें अधिकतर लोग अपने घरों की पूजा करते हैं निशीथ काल में समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए इस समय को सभी विद्वान आचार्य अत्यंत श्रेष्ठ मानते हैं तांत्रिक एवं सिद्धि करने वाले लोगों के लिए यह समय रामबाण का काम करता है इस समय में श्री गणेश महा लक्ष्मी इन्द्र कुबेर भंडारी रिद्धि सिद्धि शक्तियों सहित श्री ब्रह्मा विष्णु महेश नवग्रह मंडल देवताओं आदि की पूजा करे वही वसना पूजा करने तथा कराने वाले साल भर उन्नति लाभ की ओर बढ़ते रहते हैं जिससे माता लक्ष्मी की कृपा उन पर और उनके परिवार पर हमेशा हमेशा के लिए बनी रहती है पूजन विद्वान आचार्य से कराने पर लक्ष्मी जी का भंडार कभी भी खाली नहीं होता क्योंकि उसमें फल का अंश और मिल जाता है।

दीपावली की पूजन विधि
सूर्योदय के समय उठकर घर की धुलाई करें घर में बंधनबार लगाएं पूजा घर को साफ करें यहां पर नया लाल गुलाबी पीला हरा नीला केसरिया कपड़ा बिछाकर सुंदर चित्र कलैंडर लगाएं मिट्टी के लक्ष्मी गणेश के साथ हनुमान जी की स्थापना अवश्य करें घर में रंग बिरंगी रंगोली बनाएं व घर में पूजा घर में रंग बिरंगी सुंदर झालरे लाइट लगाएं फिर अपने मनचाहे मुहूर्त में सर्वप्रथम स्वस्तिवाचन कलश पूजन संकल्प कराकर श्री गणेश लक्ष्मी रिद्धि सिद्धि इंद्र कुबेर ब्रह्मा विष्णु महेश कुल देवता स्थान देवता वास्तु देवता एवं सूर्यादिनव ग्रह की पूजा के साथ बहीखाता कलम दवाद रोकड़ पूजन करें इसके बाद कंप्यूटर लैपटॉप या मोबाइल की पूजा करें जिस पर कारोबार करते हैं श्री सूक्त और लक्ष्मी सूक्त का पाठ करना इस दिन अत्यंत लाभकारी कहा गया है लक्ष्मी कुबेर का मंत्र जाप विष्णु मंत्र की माला जाप गुरु मंत्र का जाप करें नशाखोरी वायदा कारोबार एमसीएक्स तेज वाहन चलाने गलत कार्य करने से बचे पूजा करने से पहले घरों की दीवारों और दरवाजों की ऊपर सिंदूर या रोली से शुभ – लाभ, राम राम, जय श्री राम, श्री गणेशाय नमः और ॐ के शुभ चिन्ह अवश्य ही बनाएं रात के वक्त महारानी लक्ष्मी भ्रमण करते समय इन सभी चीजों को देखकर सोचती हैं कि मैं कहां निवास करूं कहां किस भक्त ने पूजा घर और अपना घर कैसे सजाया है जहां वह संतुष्ट हो जाती हैं वहां प्रभावित होकर धन संपत्ति और सुख समृद्धि व हर प्रकार के धन वैभव में विशेष उन्नति व लाभ को करती हैं।

दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त🌞*श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा .9756402981
राहुकाल सांय 4:30 बजे से 6:00 बजे तक रहेगा जो इस दिन का अति नेष्ट समय कहा जाएगा
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि 12नबम्वर रविवार की दोपहर 2:44 तक रहेगी इसके उपरांत सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि (दीपावली) प्रारंभ हो जाएगी इस दिन स्वाति नक्षत्र मध्य रात्रि उपरांत 2:50 तक रहेगा इसके बाद विशाखा नक्षत्र पूरी रात माना जाएगा आयुष्मान योग रात्रि 11:36तक रहेगा इसके बाद सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा तिथि और वार के संयोग से इस दिन लुंम्बक नामक योग बन रहा है स्वाति नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में अमावस्या अतिथि का होना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है।
सांयकाल 5:20 से लेकर 7:30 बजे तक गोधूलि बेला और प्रदोष काल माना जाएगा।
मेष लग्न सांयकाल 4:01 से लेकर 5:38 तक मान्य होगी इस समय में अपने अतिनेष्ट राहुकाल चल रहा होगा
इसदिन की सर्वश्रेष्ठ वृषभ लग्न सांयकाल 5:38 से लेकर 7:35 की होगी इसमें पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायक माना जाएगा प्रत्येक व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए
मिथुन लग्न रात्रि 7:35 से 9:49 तक रहेगी इस लग्न में भी लोग रात्रि घरों की पूजा करते हैं
कर्क लग्न निशीथ काल रात्रि 9:49 से लेकर रात्रि 12:07 तक रहेगी एसबीआई में माता महालक्ष्मी जी का जन्म समुद्र से हुआ था इसमें घर घरेलू पूजा और निशीथकाल का मुहूर्त सर्वोत्तम माना जाता है यह घरेलू पूजा के लिए रात्रि पूजा के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त कहा जाएगा इस दिन का निशीथकाल में हवन यज्ञ किसीभी मंत्र का सिद्ध करना किसी भी अनुष्ठान के लिए विशेष प्रयोग करना सर्वोत्तम कहा जाता है

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