Dr Deepti Agarwal Dwory killing case in Agra : Dr Sumit Agarwal Arrest, FIR Lodged against 5 Family members #agra
आगरालीक्स.. आगरा के डॉ दीप्ति अग्रवाल दहेज हत्या मामले में डॉ सुमित अग्रवाल को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है, दहेज हत्या की आईपीसी की धारा 304 बी में आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।
आगरा में तीन अगस्त को विभव वैली व्यू अपार्टमेंट, विभव नगर में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ . दीप्ति फ्लैट में फंदे से लटकी मिली। ह्रदय रोग विशेषज्ञ पति डॉ सुमित अग्रवाल ने सफायर हॉस्पिटल में भर्ती किया। यहां से फरीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल रेफर कर दिया। 7 अगस्त को फरीदाबाद के अस्पताल में मौत हो गई। इस मामले में डॉ दीप्ति अग्रवाल के पिता डॉ नरेश मंगला ने आठ अगस्त को पति डॉ सुमित अग्रवाल, ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, पति डॉ. जेठ डॉ. अमित, जेठानी तूलिका और सास अनीता के खिलाफ थाना ताजगंज में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। शनिवार रात को डॉ दीप्ति अग्रवाल के पति ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुमित अग्रवाल को ताजगंज पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। रविवार को आरोपित डॉ सुमित अग्रवाल को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
दहेज हत्या की आईपीसी की धारा बी में आजीवन कारावास का प्रावधान
वरिष्ठ अधिवक्ता अचल शर्मा का कहना है कि दहेज म्रत्यु की धारा में कार्रवाई के लिए पुलिस को दो साक्ष्य चाहिए, पहला शादी को सात साल पूरे ना हुए हों और मौत अप्राक्रतिक हो। दूसरा दहेज की मांग की गई हो, इस धारा में मुकदमा दर्ज होने पर अभियोजन के दौरान आरोपित को दोषी मानते हुए सुनवाई होती है, बेगुनाही साबित करने का भ्ज्ञार अभियुक्तों पर होता है, एविडेंस एक्ट में पुलिस उनकी बेगुनाही के साक्ष्य संककतिल नहीं करती है। दहेज म्रत्यु का अपराध सिदृध् होने पर कम से कम सात साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
डॉ दीप्ति के जेठ डॉ अमित अग्रवाल ने कहा आरोप निराधार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ दीप्ति अग्रवाल के जेठ डॉ अमित अग्रवाल का कहना है कि दीप्ति के पिता ने जो भी आरोप उनके परिवार पर लगाए हैं वे निराधार हैं, सितंबर 2018 से ही दीप्ति परिवार से अलग विभव वैली व्यू अपार्टमेंट, विभव नगर में रह रही है। 5 जून को बेटी का जन्मदिन था, तब उनके बच्चे वहां गए थे, वह अपने बच्चों को लेने गए थे, उसके बाद से उनके घर कोई नहीं गया। दहेज मांगने के आरोप गलत है।