आगरालीक्स…आगरा के शांतिवेद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस ने प्रथम सफल किडनी ट्रांसप्लांट की उपलब्धि हासिल की. हाई ब्लड प्रेशर और किडनी फेल्योर की समस्या से जूझ रहा था मरीज…मिला नया जीवन
शांतिवेद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल करते हुए अपनी पहली किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न किया। मरीज की उम्र 45 वर्ष थी और वह पिछले 10 वर्षों से हाई ब्लड प्रेशर और किडनी फेल्योर की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि उन्हें डायलिसिस की आवश्यकता पड़ रही थी। ऐसे में, उनकी बड़ी बहन ने अपना गुर्दा दान कर अपने भाई को नया जीवन दिया, जो सच्चे भाई-बहन के प्रेम और बलिदान का अद्भुत उदाहरण है।
मरीज को शांतिवेद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में भर्ती किया गया, जहां अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने गहन परीक्षण और परामर्श के बाद किडनी ट्रांसप्लांट का अंतिम निर्णय लिया। पूरी प्रक्रिया को अत्यधिक सावधानी और नवीनतम चिकित्सा तकनीकों का उपयोग करके सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। सफल किडनी ट्रांसप्लांट के पीछे अनुभवी चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम: डॉ. मधुकर गुप्ता – रीनल ट्रांसप्लांट सर्जन, डॉ. समृद्धि गुप्ता – ट्रांसप्लांट फिजिशियन, डॉ. श्वेतांक प्रकाश – यूरोलॉजिस्ट और लेप्रोस्कोपिक सर्जन, डॉ. अंशुल गर्ग – यूरोलॉजी विशेषज्ञ, इन सभी विशेषज्ञों की समर्पित मेहनत और चिकित्सा कौशल के कारण सर्जरी पूरी तरह सफल रही, और 20 दिनों के भीतर मरीज ने शानदार रिकवरी कर ली।
यह न केवल मरीज और उनके परिवार के लिए बल्कि शांतिवेद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सफल सर्जरी में एनेस्थीसिया टीम की महत्वपूर्ण भूमिका: एक जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने में एनेस्थीसिया टीम का योगदान भी सराहनीय रहा। इस टीम में शामिल थे: डॉ. दीप्तिमाला अग्रवाल, डॉ. तन्वी भारद्वाज इनकी कुशलता और अनुभव ने सर्जरी को सहज और सुरक्षित रूप से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शांतिवेद की प्रतिबद्धता – बेहतर स्वास्थ्य, नया जीवन!
शांतिवेद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस लगातार बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं और विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की यह उपलब्धि मरीजों के लिए उम्मीद और जीवन का नया प्रकाश लेकर आई है। “किडनी ट्रांसप्लांट – नया जीवन, नई आशा!”