आगरालीक्स…महिलाओं में बढ़ रही है एंडोमेट्रियोसिस. ये एक कैंसर जैसी बीमारी जिससे बांझपन का खतरा है. आगरा की डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने श्रीनगर में हुई इंडो ऑस्ट्रेलियन एकेडमिक फ्रेंडशिप टूर वर्कशॉप में रखे विचार
रेनबो आईवीएफ की एमडी एवं बांझपन एक्सपर्ट डॉक्टर जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। यह कैंसर जैसी बीमारी है। इससे एंडोमेट्रियल जैसा ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगता है। यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे गर्भधारण में मुश्किलें आती हैं। 25 प्रतिशत महिलाओं को बचपन से यह बीमारी होती है।।
वे इंडो ऑस्ट्रेलियन एकेडमिक फ्रेंडशिप के तहत मेटा (मल्होत्रा एंब्रोलाॅजी ट्रेनिंग अकेडमी )-रेनबो आईवीएफ की ओर से बांझपन और एंडोमेट्रियोसिस विषय पर श्रीनगर में आयोजित वर्कशॉप में बोल रहीं थी। उन्होंने बताया कि इंडो ऑस्ट्रेलियन फ्रेंडशिप टूर के तहत एंडोमेट्रियोसिस और बांझपन के बारे में शहर-शहर जाकर डॉक्टरों को वक्तव्य और वर्कशॉप के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। आज श्रीनगर में डॉक्टरों को इसके बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि पेट के निचले हिस्से में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, मासिक धर्म के दौरान दर्द, मतली, दस्त, कब्ज और बार-बार पेशाब आना एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण हैं। इससे पेट फूलना, माइग्रेन, सूजन जैसी दिक्कतें हो जाती हैं।
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के एमडी एवं प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅक्टर नरेंद्र मल्होत्रा, ऑस्ट्रेलिया से आए बांझपन एक्सपर्ट डाॅक्टर राॅबर्ट नोर्मन ( पूर्व एस्पायर प्रेसिडेंट ) और प्रोफेसर डाॅक्टर क्लैयरे बूथ्रोयड( पूर्व एस्पायर प्रेसिडेंट ) ने भी बांझपन और एंडोमेट्रियोसिस पर अपने-अपने विचार रखे। जानकारी दी कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण बनने वाले जख्म और चिपकने वाली परतें फैलोपियन ट्यूब्स को ब्लॉक कर सकती हैं, जिससे अंडाणु और शुक्राणु का मिलना मुश्किल हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट्स अंडाशय पर बन सकती हैं, जिससे अंडाशय के अंडे छोड़ने या हार्मोन बनाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाली सूजन से निषेचित अंडाणु के गर्भाशय में इम्प्लांटेशन में रुकावट आ जाती है।
इसके बाद फोग्सी की ओर से चलाए जा रहे मान्यता प्रोग्राम के बारे में डाॅक्टर दिनेश सिंह ने जानकारी दी। मान्यता, फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (फोग्सी) की एक पहल है। इसका मकसद, मातृ स्वास्थ्य में सुधार करना और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बेहतर देखभाल मुहैया कराना है। रेनबो आईवीएफ पूरे उत्तर भारत में ऐसा एकमात्र ऐसा सेंटर है जहां इस बारे में पिछले कई वर्षों से ट्रेनिंग दी जा रही है।
इस कार्यक्रम में उजाला सिग्नस हाॅस्पिटल श्रीनगर के डाॅक्टर और मैनेजमेंट का विशेष सहयोग रहा। कश्मीरी वाजवान (फूड) का आयोजन डाॅक्टर शहनाज टैंक और डाॅक्टर शबा रसूल ने किया। यह ऑस्ट्रेलियन डॉक्टर्स को बहुत पसंद आया। कल्चर हेरिटेज टूर का भी आयोजन किया गया। भारत सीरम वैक्सीन कंपनी के सहयोग से आयोजित वर्कशाॅप में डाॅक्टर शैनाज, डाॅक्टर रिजवान, डाॅक्टर मुस्ताक मट्टू, डाॅक्टर शाहिदा, डाॅक्टर सईदा मुफ्ती, प्रोफेसर फरहत जबीन, प्रोफेसर निगत फिरदाैस, डाॅक्टर माैस्मा रिजवी, डाॅक्टर नादिया, डाक्टर शामिया मुफ्ती, डाॅक्टर शाबात रसूल, डाॅक्टर समीना, डाॅक्टर शफिका आदि ने भाग लिया। भारत सीरम वैक्सीन कंपनी के डाॅक्टर परवेज, डाॅक्टर शकील भी उपस्थित रहे।
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित होंगी डाॅक्टर जयदीप मल्होत्रा
लखनऊ में सात फरवरी को बांझपन पर होने वाली कॉन्फ्रेंस में डाॅक्टर जयदीप मल्होत्रा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह अवार्ड बांझपन पर उपलब्धियों को लेकर दिया जाएगा। इसमें आगरा से प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ नरेंद्र मल्होत्रा, ऑस्ट्रेलियाई डाॅक्टर राॅबर्ट नोर्मन और प्रोफेसर डाॅक्टर क्लैयरे बूथ्रोयड भाग लेंगे।