Agra News: Recruitment of security personnel and security supervisor in
Height of people decreasing in India
नईदिल्लीलीक्स(03rd October 2021 )… भारत में कम हो रही लोगों की हाइट. जेएनयू के सर्वे में खुलासा. महिलाओं की औसत हाइट भी घटी.
देश में घट रही औसत हाइट
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सेंटर आफ सोशल मेडिसिन एंड कम्युनिटी हेल्थ की ओर से कराए गए सर्वे में देश के व्यस्क महिलाओं और पुरुषों की औसत ऊंचाई घटी है। इस सर्वे में राज्य, जाति, आय और आयु वर्ग के आधार पर महिला, पुरुष की लंबाई को लेकर आंकड़े जारी किए गए हैं।
सर्वे के नतीजे
सर्वे में आए नतीजे बताते हैं कि 15 से 50 साल के भारतीय पुरुषों की औसत ऊंचाई में भारी गिरावट आई है। 2005—06 और 2015—16 के दौरान 15 से 25 साल के भारतीयों की औसत ऊंचाई 1.10 सेंटीमीटर कम हो गई है, जबकि 26 से 50 साल के पुरुषों की औसत ऊंचाई 0.86 सेंटीमीटर कम हो गई है।
महिलाओं की औसत हाइट भी घटी
सर्वे में पाया गया कि 15 से 25 साल की महिलाओं की भी औसत ऊंचाई कम हुई है। 2005—06 और 2015—16 के दौरान इस आयु वर्ग की महिलाओं की औसत हाइट 0.12 सेंटीमीटर की गिरावट आई है। जबकि 26 से 50 साल की महिलाओं की औसत हाइट में 0.13 सेमी की बढोत्तरी हुई है।
हरियाणा में सर्वाधिक कम हुई
सर्वे में पाया गया कि हरियाणा की पुरुषों की हाइट में सबसे अधिक गिरावट आई है। जबकि मेघालय के पुरुषों की हाइट सबसे ज्यादा बढ़ी है। इसी तरह सिक्किम की महिलाओं की हाइट सबसे ज्यादा बढ़ी है, वहीं हरियाणा की महिलाओं की हाइट सबसे ज्यादा कम हुई है।
सबसे ज्यादा गिरावट कर्नाटक में
26 से 50 आयु वर्ग में कर्नाटक के पुरुषों की हाइट में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। यह 2.04 सेंटीमीटर है। हरियाणा के बाद झारखंड दूसरे नंबर पर है। झारखंड के पुरुषों की हाइट में दो सेंटीमीटर की कमी आई है।
इंसान की लंबाई सब कुछ बताती है
इस अध्ययन के भागीदार जेएनयू के पीएचडी स्कॉलर कृष्णा चौधरी के मुताबिक, किसी भी इंसान की लंबाई उसके जीवन के संपूर्ण गुण के बारे में बताती है। मतलब अगर किसी व्यक्ति का कद सामान्य है तो इसका मतलब उसे मां के गर्भ से लेकर 20—22 साल की उम्र तक अच्छा पोषण मिला है। बीमार होने पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिली हैंं। बेहतर हाईजीन और सेनेटिशेन के वातावरण में उसका लालन पालन हुआ है।
कद का संबंध पोषण और आय से भी
अध्ययन में यह पाया गया कि व्यक्ति के कद का संबंध पोषण, आय, जाति, क्षेत्र, स्वास्थ्य और कई दूसरे फैक्टर भी होते हैं। गरीबी की वजह से लोगों को कम पोषण मिल पाता है, जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।