आगरालीक्स…आगरा में 3000 से अधिक स्थानों पर आज रात होगा होलिका दहन. जानें टाइमिंग. सुबह से हो रही पूजा. कल खेली जाएगी होली.
शहर में जगह-जगह रखीं होलिका और उसके चारों ओर परिक्रमा करते बच्चे, बूढ़े और जवान। मंगलगीत गातीं महिलाएं और एक-दूसरे को गले मिलकर गुलाल लगाकर बधाई देते लोग। यह नजारा शहर के हर गली-मोहल्ले और चौक-चौराहों पर दिखाई दिया। मौका था होलिका दहन का जो बुराई पर अच्छाई की प्रतीक के तौर पर हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। आज सुबह से ही होलिका पूजन शुरू हो गया। कुछ लोगों ने चौराहों तो कुछ घर के दरवाजों के सामने होलिका सजाई और उसके चारों ओर गूलरी, कंडे, लकड़ियां लगाकर उसकी परिक्रमा की जा रही है। होली के चारों ओर महिलाओं द्वारा मन्नत के धागे बांधे जा रहे हैं। रात को 11 बजे के बाद शुभ मुहुर्त में होली में अग्नि प्रज्ज्वलित की जाएगी। इसके साथ ही शुरू हो जाएगा फाग उत्सव। एक अनुमान के मुताबिक आगरा में आज रात 3000 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होगा।
शहर के चौराहों पर सार्वजनिक होलिका दहन किया जाएगा। बुराई की प्रतीक होलिका को अग्नि के हवाले रात को शुभ मुहुर्त में की जाएगी। माथे पर गुलाल लगाकर होली की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया है। महिलाएं आज सुबह से ही होलिका का पूजन करने के लिए पहुंचना शुरू हो गईं। कल शहर रंगोत्सव से सराबोर होगा। होली की तैयारियों के लिए आज शहर के बाजारों में काफी भीड़ रही। लोगों ने रंग-गुलाल खरीदे और बच्चों ने पिचकारियां। शहर के प्रमुख बाजारों के अलावा गली-मोहल्लों और चौराहों पर रंग-गुलाल और पिचकारियों की लगी दुकानों पर खरीददारों की भारी भीड़ रही। जगह-जगह ठलों पर रंग-गुलाल बेचने वालों ने अपने रंग व गुलाल का प्रदर्शन करने के लिए खुद ही अपने चेहरे रंग लिए हैं। बच्चों में होली का उत्साह दिन में ही दिखना शुरू हो गया। चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर रखी होलिका दहन की तैयारियां की जा रही हैं। होलिका दहन से पहले महिलाओं ने होली के चक्कर काटकर पूजन किया। सुबह से ही बच्चों ने होली खेलना शुरू कर दिया। हालांकि शुरू में बच्चों को बड़ों ने रोका, लेकिन बच्चों के आगे उनकी एक नहीं चली। रंगोत्सव पर ड्रायडे होने के कारण वे लोग जिन्हें शराब की लत है आज सुबह से ही शराब की व्यवस्था करने में जुटे रहे। वहीं नमकीन की दुकानों में भी खरीददारों की अच्छी-खासी भीड़ रही। होली के त्याहौर को लेकर महिलाओं में भी काफी उत्साह रहा और वे परम्परागत मिठाई गुजिया बनाने में व्यस्त रहीं।