Agra Metro: Casting work of ring segments for underground metro
Joint waste water treatment plant work started in Agra Metro depot Campus#agranews
आगरालीक्स…(3 July 2021 Agra News) आगरा मेट्रो के डिपो में संयुक्त वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू (देखें फोटोज). यहां इस तरह वेस्ट वॉटर को रिसाइकल कर किया जाएगा इस्तेमाल
तेज गति से चल रहा डिपो में काम
पीएसी परिसर में आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर के लिए डिपो का निर्माण तेज गति के साथ किया जा रहा है। डिपो परिसर में जीरो डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत संयुक्त वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है। इसके साथ ही विभिन्न क्षमताओं वाले अंडरग्राउंड टैकों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।
इस तरह से रीसाइकल होगा वेस्ट पानी
बता दें कि आगरा मेट्रो डिपो में वेस्ट पानी को रीसाइकल करने के लिए एक लाख लीटर की क्षमता वाले संयुक्त ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में ग्रे वॉटर यानी किचन, वॉशरूम और फ़्लोर क्लीनिंग आदि से निकलने वाले पानी को रीसाइकल करने के लिए 70 हजार लीटर की क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट (एसटीपी) व ऑटोमैटिक वॉश प्लान्ट में ट्रेनों की सफ़ाई और मेंटेनेंस शेड में ट्रेनों की मरम्मत आदि से निकलने वाले केमिकल युक्त वेस्ट वॉटर, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ब्लैक वॉटर’ कहा जाता है, उसे रीसाइकल करने के लिए 30 हजार लीटर की क्षमता वाले एफ़्ल्यूएन्ट ट्रीटमेंट प्लान्ट (ईटीपी) को संयुक्त रूप से एक ही बिल्डिंग लगाया जाएगा। इससे न सिर्फ जगह की बचत होगी, बल्कि निर्माण की लागत में भी कमी आएगी।
भूमिगत टैंकों का निर्माण भी जारी
इसके साथ ही डिपो परिसर में विभिन्न क्षमता वाले भूमिगत टैंकों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें रॉ टैंक, डोमेस्टिक टैंक व फायर टैंक शामिल हैं। 1 लाख, 25 हजार लीटर की क्षमता वाले रॉ टैंक में डिपो परिसर में विभिन्न श्रोतों से प्राप्त होने वाले जल को एकत्र किया जाएगा। वहीं, 1 लाख लीटर की क्षमता वाले डोमेस्टिक टैंक में डोमेस्टिक गतिविधियों के लिए प्रयोग किए जाने वाले जल को स्टोर किया जाएगा। इसके साथ ही डिपो परिसर में आग लगने जैसी किसी अप्रीय घटना का सामना करने के लिए 2 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला फायर टैंक बनाया जा रहा है।
अलग—अलग पाइप लाइन बिछेंगी
मेट्रो डिपो में ड्युअल प्लम्बिंग की व्यवस्था होगी, यानी यहां पर साफ़ पानी और रीसाइकल्ड पानी के लिए अलग-अलग पाइप लाइन बिछाई जाएंगी। इसके साथ ही डिपो परिसर में एक संयुक्त वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, जिससे विभिन्न गतिविधियों के चलते निकलने वाले वेस्ट पानी को रीसाइकिल किया जा सकेगा। बता दें कि इस रीसाइकिल्ड पानी को ट्रेनों की सफाई के लिए प्रयोग किया जाएगा। डिपो परिसर में इंटीग्रेटिड वर्कशॉप, कवर्ड स्टेब्लिंग शेड एवं पिट व्हील लेथ के लिए फाउंडेशन के साथ ही ग्राउंड लेवलिंग का काम पूरा कर लिया गया है। इन तीनों संरचनाओं के पीईबी स्ट्रक्चर डिपो परिसर में लाया जा चुके हैं। जल्द ही इसके इंस्टॉलेशन का काम शुरू किया जाएगा।
जैक पिट का भी हो रहा निर्माण
इंटीग्रेटिड वर्कशॉप में ट्रेन को मेन्टिनेंस के लिए जैक द्वारा उठाने के हेतु जैक पिट का निर्माण किया जा रहा है। डिपो परिसर में कुल 6 जैक पिट का निर्माण किया जाना है जिसमें से 4 जैक पिट का निर्माण किया जा चुका है।
डिपो परिसर में वर्षा जल के संचयन के लिए रेन वॉटर हारवेस्टिंग पिट्स बनाए जाएंगे। वर्षा ऋतु के दौरान डिपो परिसर की विभिन्न विभिन्न बिल्डिंग्स से वर्षा जल को ड्रेन पाइप के जरिए इन पिट्स में एकत्र किया जाएगा। इसके बाद बोरिंग के जरिए इस जल को वापस जमीन में भेज दिया जाएगा, जिससे भूगर्भ जल स्तर को सुधारने में काफी मदद मिलेगी।