आगरालीक्स ….आज रक्तदाता दिवस है। दान किया गया एक यूनिट ब्लड तीन मरीजों की जान बचा सकता है। अब मरीजों को पूरा ब्लड देने की जगह उसे आरबीसी, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा में बदल कर तीन मरीजों को दिया जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हमारे शरीर में पांच लीटर ब्लड है, इसमें से एक यूनिट यानी 350 एमएल ब्लड दान करने से खून की कमी नहीं होती है। यह ब्लड भी 45 दिन में शरीर में दोबारा बन जाता है इसलिए रक्तदान करने से घबराना नहीं चाहिए।
इस तरह बचाई जाती है तीन मरीजों की जान
जब हम एक यूनिट ब्लड दान करते हैं तो ब्लड सपरेटर मशीन से इसे प्लेटलेट्स, प्लाज्मा और आरबीसी में विभाजित कर दिया जाता है। बुखार से पीड़ित मरीज, कैंसर मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत होती है। प्लेटलेट्स इन मरीजों को दे दी जाती है। जिन मरीजों में खून की कमी है उन्हें आरबीसी दी जाती हैं। जले हुए मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत होती है तो इन्हें प्लाज्मा दे दिया जाता है।